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अहलावत के जरिए दलितों को साधने की कोशिश, एक पद फिर भी खाली…आतिशी की नई कैबिनेट से कई संदेश

आतिशी

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Delhi Politics: 21 सितंबर को शपथ लेने के बाद दिल्ली में नई मुख्यमंत्री आतिशी होंगी, आम आदमी पार्टी ने उनकी नई कैबिनेट की भी घोषणा कर दी है. सूत्रों के मुताबिक, इस कैबिनेट में कुल 5 मंत्री शामिल होंगे. नए मंत्रियों में गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन, और मुकेश अहलावत के नाम शामिल हैं. इनमें से चार मंत्री पहले भी अरविंद केजरीवाल की सरकार में कार्यरत थे, जबकि मुकेश अहलावत नए चेहरे के रूप में शामिल हुए हैं.

नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली पर ध्यान

मुकेश अहलावत को दलित समुदाय को साधने के उद्देश्य से कैबिनेट में शामिल किया गया है. हालांकि कुलदीप कुमार भी मंत्री पद के लिए एक संभावित उम्मीदवार थे, लेकिन अहलावत को प्राथमिकता दी गई. नॉर्थ-वेस्ट दिल्लीमें 10 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से 3 दलितों के लिए रिजर्व हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने यहां सफलता पाई थी, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को भारी नुकसान उठाना पड़ा था.

आतिशी के नेतृत्व की दिशा

आतिशी की कैबिनेट में चार पूर्व मंत्रियों की वापसी और एक नए चेहरे की नियुक्ति ने यह स्पष्ट किया है कि आम आदमी पार्टी का ध्यान केवल केजरीवाल की जगह पर नहीं, बल्कि उनकी सरकार की निरंतरता पर भी है. आतिशी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद यह कहा था कि उनका उद्देश्य केजरीवाल को फिर से मुख्यमंत्री बनाना है.

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एक पद रिक्त क्यों?

दिल्ली विधानसभा में कुल 70 सीटें हैं और कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 7 सदस्य हो सकते हैं. लेकिन आतिशी की कैबिनेट में 6 सदस्य शामिल किए गए हैं और एक पद रिक्त रखा गया है. यह रिक्त पद पार्टी की रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिससे उन्हें अधिकतम प्रशासनिक प्रभाव के साथ कम संसाधनों में अधिक काम करने का संदेश देना है. इसके अलावा, पार्टी में विभिन्न नेताओं की आंतरिक दावेदारी को देखते हुए, रिक्त पद ने सभी दावेदारों की उम्मीदों को जीवित रखा है.

शपथ ग्रहण और विभागों का बंटवारा

आतिशी और उनकी कैबिनेट 21 सितंबर को शपथ ले सकते हैं. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस संदर्भ में पत्र भी भेजा है. शपथ ग्रहण के बाद, मंत्रियों के विभागों का बंटवारा किया जाएगा, जिसमें शिक्षा और वित्त विभाग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. मनीष सिसोदिया और फिर आतिशी के पास पहले ये विभाग रहे हैं. अब देखना होगा कि आतिशी इन विभागों को संभालेंगी या बिना विभाग के मुख्यमंत्री का कार्य करेंगी, जैसा कि अरविंद केजरीवाल ने पहले किया था.

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