Delhi News: एक जुलाई की शुरुआत के साथ देश में तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो गए हैं. भारतीय न्याय संहिता कानून ने इंडियन पीनल कोड की जगह ली है. अब रेप की धारा 63 और सामूहिक बलात्कार की धारा 70 है. वहीं, हत्या करने पर धारा 302 नहीं, 101 लगेगी. धोखाधड़ी के लिए फेमस धारा 420 अब 318 हो गई है. इस बीच नए कानून के तहत राजधानी दिल्ली में पहला केस दर्ज कर लिया गया है.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के कमला मार्केट थाने में भारतीय न्याय संहिता के तहत पहली एफआईआर दर्ज की गई. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के फुटओवर ब्रिज के नीचे अवरोध पैदा करने और सामान बेचने के आरोप में एक रेहड़ी-पटरी वाले के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 285 के तहत मामला दर्ज किया गया.
Delhi: First FIR u/s of Bharatiya Nyaya Sanhita, 2023 registered at Kamla Market PS in Delhi. Case registered against a street vendor u/s 285 of Bharatiya Nyaya Sanhita for obstruction under foot over bridge of New Delhi Railway Station and making sales.
— ANI (@ANI) July 1, 2024
उधर, तीन नए आपराधिक कानूनों पर पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी की प्रतिक्रिया भी सामने आई है. उन्होंने कहा, ” इससे मुझे सबसे बड़ा लाभ यह दिखता है कि इससे जवाबदेही, पारदर्शिता, प्रौद्योगिकी, पीड़ितों के अधिकार, अदालतों में त्वरित सुनवाई, अभियुक्तों के अधिकारों के लिए पुलिस को फिर से प्रशिक्षण मिल रहा है. सबसे ज्यादा टेक्नोलॉजी का रेजोल्यूशन हो रहा है क्योंकि अब एफआईआर टेक्नोलॉजिकल हो जाएंगी, चार्जशीट टेक्नोलॉजी हो जाएंगी.”
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‘आज का दिन भारत…’, CM सरमा का आया बयान
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि आज का दिन भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में एक ऐतिहासिक क्षण है. उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 164 साल पुराने औपनिवेशिक विधानों की जगह लागू हुए हैं और इसके साथ हमारा गणतंत्र आधुनिक प्रौद्योगिकी और नागरिक-केंद्रित सेवाओं पर आधारित एक नई प्रणाली में प्रवेश कर गया है.