Arvind Kejriwal: आबकारी नीति ‘घोटाला’ मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के दो दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार को आम आदमी पार्टी के मुख्यालय पहुंचे. पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के बाद सीएम केजरीवाल कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे हैं. इस दौरान उन्होनें ऐलान किया कि वह दो दिन बाद मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने जा रहे हैं.
इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘सतेंद्र जैन, अमानतुल्ला खान भी जल्दी बाहर आएंगे. दिल्ली के लोगों ने हमारे लिए प्रार्थना की, मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं.. मैंने जेल में कई किताबें पढ़ीं – रामायण, गीता… मैं अपने साथ भगत सिंह की जेल डायरी लाया हूं. भगत सिंह की डायरी भी पढ़ी.’
ये भी पढ़ें- Haryana Election 2024: हरियाणा में 70 सीटें जीतेगी कांग्रेस, प्रदेश अध्यक्ष उदय भान का बड़ा दावा
“जेल से एलजी को पत्र लिखने पर मुझे वार्निंग दी गई”
केजरीवाल ने कहा, ‘उनकी छोटी सी पार्टी ने देश की राजनीति बदल दी. जेल में सोचने का वक्त मिला. मैंने जेल से एक ही पत्र लिखा था वो भी एलजी साहब को, 15 अगस्त था, स्वाधीनता दिवस के अवसर पर सीएम झंडा फहराते हैं. मैंने कहा कि आतिशी जी को झंडा फहराने की इजाजत दी गई. वो चिट्ठी मुझे वापस कर दी गई और मुझे वार्निंग दी गई कि दूसरी बार अगर चिट्ठी लिखी तो आपको परिवार से भी मुलाकात भी नहीं करने दी जाएगी.’
केजरीवाल ने अब तक क्यों नहीं दिया इस्तीफा?
केजरीवाल ने कहा, ‘मुझे जेल क्यों भेजा इन्होंने, ऐसा नहीं कि केजरीवाल ने भ्रष्टाचार किया. इनका मकसद था आम आदमी पार्टी को तोड़ना, केजरीवाल को तोड़ना. इनका फॉर्मूला है कि पार्टी तोड़ दो, विधायक तोड़ दो, ईडी छापेमारी कर दो. इनको लग रहा था कि केजरीवाल को जेल में डालकर पार्टी तोड़ देंगे.’ सीएम ने कहा, ‘मैंने इस्तीफा इसलिए नहीं दिया क्योंकि मैं देश के जनतंत्र को बचाना चाहता हैं.
“ये एक-एक कर सबको जेल में डालते”
अगर मैं इस्तीफा दे देता.. ये एक-एक करके सबको जेल में डालते क्योंकि इन्होंने सिद्धारमैया, ममता दीदी, पिनाराई विजयन सबके खिलाफ केस कर रखा है. मैंने देश के तमाम मुख्यमंत्री से कहना चाहूंगा कि अगर मुख्यमंत्री रहते हुए आप पर यह कैसे करें तो अपने पद से इस्तीफा मत देना…. आज इनके हर षडयंत्र से मुकाबला करने की ताकत AAP में है क्योंकि हम ईमानदार हैं. ‘