Delhi Liquor Scam: कथित दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल(Arvind Kejriwal) की जमानत पर अंतरिम रोक लगाने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई 25 जून तक टाल दी है. इस बीच प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली हाईकोर्ट में लिखित दलीलें दाखिल की हैं. इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को किसी भी तरह की राहत दिए जाने का विरोध किया गया है. साथ ही ट्रायल कोर्ट के आदेश का विरोध करते हुए अजीब बताया.
वेकेशन जज ने हर पैराग्राफ में गलत निष्कर्ष दिए- ED
ED ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि निचली अदालत की ओर से पारित विवादित आदेश पर रोक लगाई जानी चाहिए और उसे रद्द किया जाना चाहिए. ED ने तर्क दिया कि अवकाश न्यायाधीश ने ED की ओर से रिकॉर्ड पर रखी गई सामग्री की जांच किए बिना ही तथ्यों और कानून दोनों के आधार पर अपने आदेश के लगभग हर पैराग्राफ में गलत निष्कर्ष दिए हैं. ED ने आगे कहा कि 2023 के बाद अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जुटाई गई नई सामग्री पर अवकाश न्यायाधीश ने विचार नहीं किया. ED की ओर से यह भी कहा गया कि गोवा में AAP कार्यकर्ताओं और AAP पदाधिकारियों के बयानों को नए बयानों के रूप में सूचीबद्ध किया है. ED को पर्याप्त अवसर न देना धारा 45 की शर्तों में से एक का उल्लंघन है.
अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को किया था गिरफ्तार
गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई की. अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर दिल्ली HC मंगलवार को फैसला सुनाएगा. बता दें कि, 20 जून को ट्रायल जज ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी. इसके अगले दिन ED ने जमानत आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में एक तत्काल याचिका दायर की. हाईकोर्ट ने जमानत आदेश पर रोक लगाने के लिए ED की अर्जी पर दोनों पक्षों की विस्तृत सुनवाई की और अपना आदेश सुनाए जाने तक अरविंद केजरीवाल की रिहाई पर रोक लगा दी. ED ने अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था.