Delhi Water Crisis: एक ओर दिल्ली में आसमान से आग बरस रही है. वहीं दूसरी ओर दिल्ली में हर बीतते दिन के साथ जल संकट गहराता ही जा रहा है. इस पर सियासत भी जम कर हो रही है. राज्य की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी पड़ोसी राज्यों पर पर अपना ठीकरा फोड़ रही है, तो वहीं विपक्षी पार्टियां भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस जल संकट पर AAP सरकार को घेर रही है. इसी क्रम में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा. उन्होंने बिना नाम लिए कहा दिल्ली में जल संकट जैसी आपदा को अवसर में बदला जा रहा है.
शासन के मॉडल पर पुनर्विचार करना चाहिए- सक्सेना
शनिवार दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि सरकार की ओर से हर साल एक ही आरोप-प्रत्यारोप की कहानी दोहराई जाती है. वीके सक्सेना ने अपने एक आधिकारिक बयान में कहा, ‘टैंकरों के पीछे भागते लोगों के दिल दहला देने वाले दृश्य और पानी की कमी की घटनाएं दिल्ली में नई नहीं हैं. यह हर साल होता आ रहा है और हर साल सरकार की ओर से सोशल मीडिया और प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक ही आरोप-प्रत्यारोप की कहानी दोहराई जाती है. उन्होंने दिल्ली में शासन को लेकर AAP सरकार के दृष्टिकोण पर भी बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि AAP सरकार को सोशल मीडिया और प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से गाली-गलौज, आरोप-प्रत्यारोप और बच निकलने के बजाय अपने शासन के मॉडल पर पुनर्विचार करना चाहिए.
शासन में गंभीरता का अभाव परेशान करने वाला- सक्सेना
दिल्ली के LG वीके सक्सेना ने आग कहा कि शासन में गंभीरता का अभाव परेशान करने वाला है. दिल्ली के संवैधानिक प्रमुख के रूप में मैं दिल्ली के लोगों को शासन और सेवाओं के वितरण से संबंधित लगभग हर विषय पर AAP सरकार के दृष्टिकोण से तकलीफ महसूस करता हूं. साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली में पानी की सप्लाई चुनौती बन गई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली के नेताओं का मकसद राजनीतिक फायदा हासिल करने का है और राजनीतिक लाभ हासिल करने के इरादे से जल संकट को अवसर में तब्दील कर दिया है ताकी पड़ोसी राज्यों पर ठीकरा फोड़ा जा सके. दिल्ली पीने के पानी के लिए उत्तर प्रदेश और हरियाणा पर निर्भर है.
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अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठी हैं जल मंत्री आतिशी
वीके सक्सेना ने कहा कि अंतरराज्यीय जल-बंटवारे की व्यवस्था भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय की ओर से बनाए गए नियम के मुताबिक होता है. इसे देश की सर्वोच्च अदालत ने हर बार बरकरार रखा है. समझौते के तहत पड़ोसी राज्य पानी छोड़ने के लिए बाध्य हैं. हालांकि शहरी सरकार भी यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है कि शहर में समान मात्रा में पानी की सप्लाई हो और इस जल संसाधन का कुशलतापूर्वक इस्तेमाल हो. बता दें कि दिल्ली में जल संकट पर जमकर सियासत हो रही है. दिल्ली की जल मंत्री आतिशी जल संकट के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठी हैं और हरियाणा को इसका जिम्मेदार बता रही हैं.