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दिल्ली CM आवास पर PWD का ताला, AAP का दावा-बाहर किया गया आतिशी का सामान

Arvind Kejriwal Bungalow: दिल्ली में एक बार फिर सियासी हलचल देखने को मिल रही है. दरअसल, पीडब्ल्यूडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास को सील कर दिया है. हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने सीएम पद छोड़ने के बाद ये आवास खाली कर दिया था. वहीं मुख्यमंत्री बनने के बाद आतिशी यहां शिफ्ट हुई थीं. लेकिन अब हैंडओवर को लेकर विवाद गहरा गया है और इसी वजह से पीडब्ल्यूडी ने सीएम आवास के गेट पर डबल लॉक लगा दिया है.

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित दिल्ली की सीएम आतिशी के शीशमहल बंगले को सील किए जाने के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने इस फैसले को जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप बताया और विभाग से बंगले का विस्तृत सर्वेक्षण कर इसकी वीडियो रिपोर्ट जनता के समक्ष रखने की मांग की.

सचदेवा ने कहा कि यह बंगला, जिसे अरविंद केजरीवाल ने अवैध रूप से बनवाया था, बिना किसी स्वीकृत नक्शे और कंम्पलीशन सर्टिफिकेट के तैयार किया गया है. ऐसे में लोकनिर्माण विभाग के पास इसे आगे आवंटित करने या नहीं करने का पूरा अधिकार है. उन्होंने आम आदमी पार्टी पर शीशमहल बंगले के मामले में जल्दबाज़ी और अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कहा कि इस बंगले से जुड़े कई राज़ हैं, जिनकी जांच की जानी चाहिए.

आतिशी पर साधा निशाना

भाजपा अध्यक्ष ने दिल्ली की वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि आतिशी को पहले से ही मंत्री पद के तहत 17 ए.बी. मथुरा रोड का बंगला आवंटित है, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने 1998 से 2004 तक सरकार चलाई थी. सचदेवा ने कहा, “अगर शीला दीक्षित इस बंगले से सरकार चला सकती थीं, तो आतिशी क्यों नहीं?” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आतिशी ने अपने आवंटित बंगले में न रहते हुए इसे मनीष सिसोदिया के परिवार को दिया और खुद कालकाजी आवास में रह रही हैं.

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चाबी का खेल और जांच

सचदेवा ने आरोप लगाया कि शीशमहल बंगले की चाबी सौंपने और वापस लेने में आम आदमी पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री के विशेष सचिव प्रवेश रंजन झा के बीच मिलीभगत थी. उन्होंने कहा कि इस बंगले में अनियमितताएं हैं, जिनकी जांच आवश्यक है. उन्होंने यह भी बताया कि सतर्कता विभाग ने प्रवेश रंजन झा सहित तीन अधिकारियों को नोटिस देकर जवाब मांगा है, जिससे यह मामला और भी संवेदनशील हो गया है.

बंगले से जुड़े विवाद

वीरेंद्र सचदेवा ने बताया कि यह बंगला कई विवादों से जुड़ा हुआ है, जिसमें अवैध निर्माण, पेड़ कटाई, और मारपीट के मामले शामिल हैं. उन्होंने कहा कि लोकनिर्माण विभाग को ऐसे मामलों की जांच करनी चाहिए और यह तय करना चाहिए कि इस बंगले को आगे आवंटित किया जाए या नहीं. इस पूरी घटना ने एक बार फिर से दिल्ली की राजनीति में हलचल मचा दी है. भाजपा ने जहां इस फैसले को जनहित के अनुरूप बताया है, वहीं आम आदमी पार्टी ने अब तक इस पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी है.

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