दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित RAU’S IAS स्टडी सेंटर के बेसमेंट में अचानक पानी भरने के बाद चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो गया है. इस घटना में तीन स्टूडेंट्स की मौत हो गई है. जिसमें दो छात्राओं और एक छात्र शामिल है. एक ओर दिल्ली सरकार ने इस घटना की जांच के लिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं तो वहीं कोचिंग में सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे छात्र धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और इस घटना के जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं.
इस घटना में जान गंवाने वाले तीनों छात्रों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल लाया गया है. इस हादसे में जिस छात्र की मौत हुई है, वो केरल का रहने वाला था. नेविन डाल्विन के रूप में हुई है, जोकि बीते आठ महीनों से तैयारी कर रहा था. वह दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहा था. डाल्विन पटेल नगर में रहता था और सुबह करीब 10 बजे लाइब्रेरी में पढ़ाई करने आया था.
ये भी पढ़ें- Delhi: ओल्ड राजेंद्र नगर में सड़कों पर छात्र, एमसीडी और दिल्ली सरकार के खिलाफ कर रहे प्रदर्शन
परिजनों से संपर्क करने की कोशिश
नेविन डाल्विन के दोस्त ने उसके परिजनों से बात करने की कोशिश में लगे हुए हैं. इसके अलावा जिन छात्राओं की मौत हुई उनकी पहचान तान्या सोनी (25) पुत्री विजय कुमार, श्रेया यादव (25) पुत्री राजेंद्र यादव के रूप में हुई है. श्रेया ने जून/जुलाई में ही कोचिंग सेंटर में एडमिशन लिया था. वो यूपी के अंबेडकरनगर जिले के बरसावां हाशिमपुर की रहने वाली थी.
पुलिस ने बताया कि ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके के एक कोचिंग सेंटर में हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना का रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो गया है. इस हादसे में तीन शव बरामद किए गए हैं. उनके परिजनों को जानकारी दे दी गई है. इसके अलावा इस घटना को लेकर केस दर्ज कर लिया गया है और आगे की जांच जारी है.
घटना के समय बेसमेंट में थे 30-35 छात्र
कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में लाइब्रेरी बनी हुई है. इस वजह से यहां ठीक-ठाक संख्या में छात्र पढ़ रहे थे. फायर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर अतुल गर्ग के मुताबिक, घटना के वक्त 30 छात्र मौजूद थे, जिनमें से 3 फंस गए थे. रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद तीन छात्रों के शव बरामद किए गए. मरने वालों में दो छात्राएं और एक छात्र है. शुरुआती जांच में पता चला है कि बेसमेंट में लाइब्रेरी थी, जहां कई छात्र मौजूद थे. बेसमेंट में अचानक पानी भरने लगा था. रस्सियां फेंककर फंसे हुए छात्रों को वहां से निकाला गया.
मिनटों में भरा 10-12 फीट पानी
एक छात्र ने बताया कि शाम 7 बजे लाइब्रेरी बंद होने पर जैसे ही हम बाहर निकले, तो सामने से बहुत तेज प्रेशर से पानी आ रहा था. जब तक हम लोग लाइब्रेरी खाली करते, तब तक घुटनों तक पानी भर चुका था. उसने बताया कि बहाव इतना तेज था कि हम सीढ़ियां नहीं चढ़ पा रहे थे. 2-3 मिनट के अंदर पूरे बेसमेंट में 10-12 फीट पानी भर गया. वहां से निकलने के लिए रस्सियां फेंकी गईं, लेकिन पानी इतना गंदा था कि कुछ भी नहीं दिख रहा था.
“नाले की नहीं हुई थी सफाई”
वहीं, नई दिल्ली से बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज का दावा है कि नाले की सफाई नहीं हो पाने के कारण बेसमेंट में पानी भर गया. बांसुरी स्वराज ने दावा किया कि हफ्ते भर से बार-बार यहां के लोग विधायक दुर्गेश पाठक से नाले की सफाई करवाने को कह रहे थे, लेकिन उनकी बात को अनसुना कर दिया गया. उन्होंने कहा कि यहीं का पानी जाकर बेसमेंट में भर गया.
मोटर पंप की मदद से निकाला गया पानी
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बेसमेंट में इतना पानी भर गया था कि लाइब्रेरी के फर्नीचर तैरने लगे थे. इस कारण भी रेस्क्यू ऑपरेशन में भी बहुत दिक्कत हो रही थी. भारी बारिश के कारण सड़क पर पहले से ही पानी भरा था. ऐसे में बेसमेंट में पानी भरने के बाद उसे निकालने के लिए मोटर पंप का इस्तेमाल किया गया. बताया जा रहा है कि चार मोटर पंप के जरिए पानी निकाला गया.
प्रदर्शन करने वाले छात्रों ने क्या कहा?
प्रदर्शन कर कर रहे एक छात्र ने कहा, “यहं 80 फीसदी लाइब्रेरी बेसमेंट में ही हैं. देखने को मिलता है कि थोड़ी ही बारिश के बाद बाढ़ आ जाती है. आजतक इस पर एमसीडी वर्क नहीं कर रही है. ये जिम्मेदारी एमसीडी की है, अगर पानी भर जा रहा है. अगर 10-15 मिनट में दिल्ली में बाढ़ आ जा रही है, सबसे पॉश एरिया है. हम ढाई-तीन लाख रुपये देकर यहां पढ़ाई कर रहे हैं. इसकी जिम्मेदारी एमसीडी की है. यही एमसीडी अगर टपरी वाले से रुपये लेने हो तो बहुत जिम्मेदार है. एक लाइब्रेरी से रेस्क्यू करने में 12-15 घंटे लग गए. 99 फीसदी लोग नहीं बचे हैं.” दिल्ली की शिक्षा मंत्री ने क्या कहा?