Govardhan Asrani Last Post: हिंदी फिल्म जगत के प्रसिद्ध हास्य अभिनेता गोवर्धन असरानी का सोमवार दोपहर निधन हो गया. 84 वर्षीय असरानी पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे और मुंबई के जुहू स्थित भारतीय आरोग्य निधि अस्पताल में भर्ती थे. डॉक्टरों के अनुसार, उनके फेफड़ों में पानी भर जाने से उनकी तबीयत बिगड़ गई थी. जिसके बाद सोमवार को दिवाली के दिन दोपहर करीब 4 बजे उन्होंने अस्पताल में ही अंतिम सांस ली.
असरानी के निधन से कुछ घंटे पहले ही उनके इंस्टाग्राम अकाउंट से फैंस के लिए एक दिवाली शुभकामना पोस्ट साझा की गई थी. माना जा रहा है कि यहा पोस्ट उनके परिवार या स्टाफ ने की होगी. असरानी का अंतिम संस्कार सोमवार शाम मुंबई में परिवार के करीबी सदस्यों की मौजूदगी में किया गया. उनके परिवार में उनकी पत्नी हैं.
असरानी ने 300 से ज्यादा फिल्मों में किया काम
गोवर्धन असरानी के नाम से जन्मे इस अभिनेता ने पांच दशकों से अधिक लंबे करियर में 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और अपनी बेजोड़ कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी. 1975 में आई फिल्म शोले में निभाया गया उनका किरदार “अंग्रेजों के ज़माने का जेलर” आज भी भारतीय सिनेमा के सबसे यादगार हास्य पात्रों में गिना जाता है.
एफटीआईआई से अभिनय का प्रशिक्षण लेने के बाद असरानी ने 1967 में हरे कांच की चूड़ियां फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी. ऋषिकेश मुखर्जी उनके गुरु माने जाते थे और उन्होंने असरानी को बावर्ची, अभिमान और छोटी सी बात जैसी फिल्मों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाने को दी. इसके बाद असरानी ने गुलज़ार की मेरे अपने, कोशिश और परिचय में भी अपनी अदाकारी का कमाल दिखाया.
बॉलीवुड के बड़े सितारों के साथ भी किया काम
असरानी ने अपने करियर में राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन, आमिर खान और अक्षय कुमार जैसे लगभग हर बड़े सितारे के साथ काम किया. चुपके चुपके, रफू चक्कर, बालिका बधू, हीरालाल पन्नालाल और पति पत्नी और वो जैसी फिल्मों में उनकी कॉमेडी आज भी दर्शकों को गुदगुदाती है.
2000 के दशक में असरानी ने प्रियदर्शन के निर्देशन में बनी कई फिल्मों में काम किया. इन फिल्मों में हेरा फेरी, चुप चुप के, हलचल, भूल भुलैया और कमाल धमाल मालामाल शामिल है. इन सभी फिल्मों में असरानी ने शानदार भूमिकाएं निभाईं. अपनी स्थापित हास्य छवि के विपरीत, उन्होंने चैताली और कोशिश जैसी फिल्मों में गंभीर और नकारात्मक भूमिकाओं से भी प्रभावित किया.
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हिंदी सिनेमा को असरानी के रूप में एक ऐसा अभिनेता मिला जिसने अपने सहज हास्य और अलग अंदाज से पीढ़ियों तक दर्शकों को हंसाया है. उनका जाना सिनेमा की दुनिया के उस मुस्कुराते चेहरे का अंत है, जिसने हर भूमिका में खुशी और जीवन का रंग भरा है.
