Akshara Singh On Chhath Puja: इस समय बिहार में झठ की धूम है. देश के अलग-अलग राज्यों में भी छठ पर्व मनाया जा रहा है. भोजपुरी एक्ट्रेस और सिंगर अक्षरा सिंह भी छठ महापर्व पर व्रत रखती हैं. बिना शादी उनके छठ व्रत रखने और पूजा करने पर सवाल उठे हैं, जिसका अब एक्ट्रेस ने जवाब दिया है. उन्होंने बचपन का एक किस्सा शेयर करते हुए बताया कि आखिर वह व्रत क्यों करती हैं.
अक्षरा ने बताया बचपन का किस्सा
छठ व्रत और पूजा के सवाल पर एक्ट्रेस अक्षरा सिंह ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत करते हुए बचपन का एक किस्सा शेयर किया है. उन्होंने कहा- ‘छठ पूजा मैं बचपन से देखते हुए, शारदा सिन्हा जी के उन गीतों को सुनते हुए बड़ी हुई हूं. लेकिन इसका असल महत्व मुझे मेरी मां से पता चला. एक बार क्या हुआ कि शारदा जी का एक गीत है- चुगला करे चुगली, बिलईया करे म्याऊं, ये गीत बज रहा था हर जगह. मैं 5 साल की थी, तब मुझे इसका मतलब नहीं पता था, और मैं हंस-हंस कर खूब ताली बजाकर इस गाने का मजाक उड़ा रही थी.’
‘मां ने बहुत मारा था…’
उन्होंने आगे बताया- ‘तब मेरी मां आईं और गुस्से से मुझे कहा कि क्या बोली. मुझे कुछ बताया नहीं कि इसका मतलब क्या होता है क्या नहीं, बस कल्छुन एक हमारे यहां बर्तन होता है, उससे मुझे इतना मार मारा कि ऐसी कोई जगह मेरे शरीर में नहीं बची थी कि जहां लाल ना पड़ा हो. मुझे कुछ नहीं बताया लेकिन उस मार ने मुझे बता दिया कि इसका महत्व क्या है, और उसे मैं तबसे अपने दिल में बांध कर चलती हूं.’
‘तो मेरा कहना होता है…’
अक्षरा सिंह ने आगे कहा- ‘आज छठी मां ने मुझे इतनी हिम्मत दे दी है कि मैं छठ पूजा करने लगी हूं. पिछले साल से ही मैंने इस व्रत को उठाया है. ये मेरा दूसरा साल है. अब पता नहीं जब तक छठी मां चाहें तब तक करुंगी. मुझसे कई लोगों ने पूछा कि आप शादीशुदा तो हैं नहीं और बाहर वाले ही क्या मेरे घरवाले ही खुद पूछते हैं कि आप शादीशुदा नहीं हैं तो कैसे छठ पूजा कर रही हैं. तो मेरा कहना होता है कि लड़के तो शादीशुदा नहीं हैं, फिर वो क्यों करते हैं. क्या पूजा और आस्था किसी बंधन में बंधने के लिए होता है?’
अक्षरा सिंह ने कहा- ‘मैंने मेरे पापा से भी लॉजिकली पूछा कि अगर एक पूजा हम कर रहे हैं तो क्या सिर्फ इसलिए करेंगे कि मुझे बच्चा हो जाएगा या ये पूजा करेंगे तो मुझे पति मिल जाएगा? पूजा और आस्था किसी बंधन में बंधने के लिए नहीं है. आज स्वतंत्र हैं, सच्ची नीयत से पूजा करने के लिए.’
