Dara Singh: पूरे देश में राम उत्सव की धूम है. अयोध्या में होने वाले श्रीराम जन्मभूमि के प्राण प्रतिष्ठा के लिए देशभर में तैयारियां तेज हैं. वहीं टीवी चैनल पर भी रामायण का प्रसारण शुरू किया है, जिसमें हाल ही में हनुमान का बाल्यकाल भी दिखाया जा रहा है. लेकिन जो किरदार रामानंद सागर की रामायण में दारा सिंह ने निभाया था. वैसा किरदार आज तक कोई कलाकार नहीं निभा पाया. उसी का नतीजा है कि आज 4 दशकों बाद भी दर्शकों के दिलों में हनुमान की पहली छवि दारा सिंह की छवि है.
सन 1980 के रामानंद सागर की रामायण का हर एक किरदार वैसे तो अमर है. लेकिन यहां बात हनुमान की कर रहे हैं, जिसमें दारा सिंह ने हनुमान का दमदार किरदार निभाया था.अपने किरदार को निभाने के लिए उन्होंने काफी स्ट्रगल किया था.
नौ घंटे भूखे रहते थे दारा सिंह
रामभक्त हनुमान का किरदार निभाने के लिए दारा सिंह ने काफी मेहनत की थी. उन्होंने खूब स्ट्रगल भी किया. रामानंद सागर के बेटे ने हाल ही में दिए इंटरव्यू में बताया कि वो अपने किरदार में जान डालना चाहते थे. इसलिए दारा सिंह शूट के 9 से 10 घंटे तक कुछ नहीं खाते थे. उसका कारण ये था कि हनुमान के मेकअप के लिए 4 से 5 घंटे लगते थे. सारा मेकअप हाथों से ही करना पड़ता था. हनुमान का गेटअप मैच करने के लिए काफी वक्त मेकअप में लगता था. चेहरे पर मोल्ड लगा होता था, जिससे वो मुंह खोलने में दिक्कत होती थी. बिना किसी नाज-नखरे के मेकअप में पूरा वक्त देते थे ताकि कहीं कोई चूक की गुंजाइश ना रहे. फिर 4 से 5 घंटे का शूट रहता था. ऐसे में वो 9 से 10 घंटों तक भूखे रहा करते थे.
पूंछ के लिए एक्ट्रा स्टूल
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो हनुमान की पूंछ लगने के बाद उन्हें बैठने में काफी परेशानी होती थी. ऐसे में उनके लिए स्पेशल स्टूल तैयार करवाया गया. ताकि दारा सिंह अपने शॉट के आने तक आराम से बैठ सकें.और पूंछ को कोई नुकसान न पहुंच सके.
हनुमान के लिए पहली पसंद थे दारा सिंह
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो रामानंद सागर ने सपने में देखा कि दारा सिंह उनकी सीरियल में हनुमान का किरदार निभा रहे हैं. हालांकि उनकी पहली पसंद दारा सिंह ही थे, क्योंकि एक फिल्म में दारा सिंह पहले हनुमान का किरदार निभा चुके थे. जब उन्हें सपने वाली बात दारा सिंह के पिता को फोन पर बताई, ये जानकर दारा सिंह ने भी तुरंत हनुमान का किरदार निभाने के लिए हामी भर दी. ये बात दारा सिंह के बेटे बिंदू दारा सिंह ने भी अपने इंटरव्यू में भी बताई थी.
‘पागल की तरह काम करते थे रामानंद सागर’
रामानंद सागर के बेटे ने अपने इंटरव्यू में खुलासा किया है कि वो हर किरदार पर नजर रखते थे. एक एक चीज को बारीकी से देखता करते थे. ताकि कहीं से भी कोई चूक ना हो जाए. वो कलाकारों से पागलों की तरह काम करते थे, बिना रूके बिना थके काम करवाते थे. रात में उनके दिमाग में डायलॉग आते थे और सुबह वो पूरी स्क्रिप्ट बदल देते थे. सेट पर आने के बाद कलाकारों को नए तरीके से तैयारी शुरू करनी पड़ती थी. सेट पर कैमरा 24 घंटे ऑन रहता था.
500 लोगों की वानर सेना तैयार होती थी
रामायण में श्रीराम की वानर सेना दिखाई गई थी. इस सेना को तैयार करने के लिए 500 लोगों का मेकअप किया जाता था. वानर के मास्क के लिए नारियल को सुखाकर रखा जाता था, ताकि उसके जरिए मास्क बनाया जाए.