Film Actor Mithun Chakraborty: हिंदी सिनेमा में ‘आई एम अ डिस्को डांसर’ के नाम से मशहूर मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार 2024 के लिए चुना गया है. हालांकि उनका शुरुआती जीवन काफी कठिनाई और संघर्षों से भरा हुआ रहा है. मिथुन ने इस इंडस्ट्री में आने के लिए काफी मेहनत और कष्टों का सामना किया है, वो बताते हैं कि उन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत दुख झेला है और इसी कारण वो नहीं चाहते की उनकी बायोपिक बने.
एक इंटरव्यू में मिथुन ने कहा था- ‘मैं अपनी जिंदगी में जिससे गुजरा हूं, मैं नहीं चाहता था कि कोई और भी गुजरे. हर किसी ने स्ट्रगल देखा और मुश्किल के दिनों से गुजरा है. लेकिन मुझे हमेशा मेरे स्किन कलर के लिए ट्रोल किया गया. मेरे स्किन कलर की वजह से मुझे सालों तक अपमानित किया गया.
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फुटपाथ पर गुजरी कई रातें
अपने स्ट्रगल के दिनों के बारे में बात करते मिथुन ने कहा था, ‘मैंने ऐसे दिन भी देखे हैं जब मैं खाली पेट और रोते हुए सोया हूं. क्योकि मेरे पास ना तो रहने को घर था और नहीं खाने के पैसे थे. यहां तक कि एक बार ऐसा समय आया जब मुझे ये सोचना पड़ता था कि मेरा अगला खाना क्या होगा और मैं कहां सोऊंगा. मैं कई दिनों तक फुटपाथ पर भी सोया हूं.’
‘नहीं चाहता कभी बायोपिक बने’
मिथुन चक्रवर्ती ने आगे कहा कि इन्हीं सब कारणों से मैं नहीं चाहता कि कभी मेरी बायोपिक बने. उन्होंने कहा कि मेरी कहानी कभी किसी को इंस्पायर नहीं करेगी, ये उन्हें मेंटली तोड़कर रख देगी. साथ ही लोगों को सपनों पूरी करने से हतोत्साहित करेगी. मैं नहीं चाहता कि ऐसा हो. मैं अगर कर सकता हूं तो कोई भी कर सकता है. मैंने इंडस्ट्री में खुद को साबित करने के लिए बहुत लड़ाई लड़ी है. मैं इसलिए लीजेंड्री नहीं हूं क्योंकि मैंने हिट फिल्में दी हैं, मैं लीजेंड हूं क्योंकि मैंने जिंदगी के दुख और स्ट्रगल को पार कर लिया है.’
छोटे रोल से लीड हीरो
बता दें कि मिथुन ने काफी छोटे रोल्स से अपने करियर कि शुरुआत की थी,और फिर लीड हीरो का रोल भी मिला. जिसमें दर्शकों ने उन्हें काफी पसंद किया.उन्होंने त्रिनेत्र, अग्निपथ, जोर लगा के हैय्या, ऐलान, मुझे इन्साफ चाहिए, हम से है जमाना, कसम पैदा करने वाले की जैसी कई सुपरहिट फिल्में दी हैं.