Heeramandi- Diamond Bazaar: संजय लीला भंसाली हर बार अपनी फिल्मों के जरिए दर्शकों को चौका देते हैं. वो एक ऐसा मास्टरपीस तैयार करते हैं जिसे देखकर फिल्मी फैन्स हैरान रह जाते हैं. खासतौर पर उनकी हिस्टोरिकल बेस्ड फिल्मों में भव्य सेट, शानदार म्यूजिक और गजब की शान-ए-शौकत दिखती है. लोग कहानी छोड़ फिल्म की भव्यता में खो जाते हैं. लेकिन अब भंसाली फिल्मी पर्दे पर्दे पर नहीं बल्कि ओटीटी प्लेटफार्म के जरिए लोगों के बीच में अपनी छाप छोड़ने की तैयारी कर चुके हैं. इसलिए उन्होंने 1 फरवरी को अपनी पहली ओटीटी बेस्ड वेब सीरीज हीरामंडी द डायमंड बाजार का फर्स्ट लुक जारी दिया है. यकीन मानिए इसके पहले लुक ने ही सोशल मीडिया यूजर्स को फैन्स का दिल जीत लिया है.
टीजर रिलीज में क्या है खास
वेब सीरीज के फर्स्ट लुक में बाजार की झलक साफ नजर आ रही है. लेकिन वो बेहद खूबसूरत और भव्यता के साथ पेश किया गया है. जैसा कि भंसाली की फिल्मों में देखा जाता है. पहली झलक में उस बाजार की दुनिया की झलक दिखाई गई है जहां तवायफें भी कभी रानियों जैसे रहा करती थीं. वीडियो में उनकी शान-ओ-शौकत भी नजर आ रही है, जिसे देखकर आप अंदाज लगा सकते हैं कि वेब सीरीज रिलीज होते ही कइओं की नींद उड़ सकती है.
‘हीरामंडी बाजार’ की कहानी
हीरामंडी-द डायमंड बाजार ऐतिहासिक ड्रामा सीरीज है, जो दर्शकों को उस समय में ले जाती है जब वेश्याएं राजाओं के रूप में शासन करती थीं. सन 1940 के दशक में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की अशांत पृष्ठभूमि पर आधारित, तवायफों और उनके ग्राहकों की कहानियों के माध्यम से, सीरीज हीरामंडी के इसी नाम के क्षेत्र की सांस्कृतिक वास्तविकता के इर्दगिर्द घूमती है.
दमदार फीमेल स्टारकास्ट
हीरामंडी में बॉलीवुड इंडस्ट्री की मंझी हुईं फीमेल एक्ट्रेसेस को भंसाली ने कास्ट किया है, जिसमें मनीषा कोइराला, अदिति राव हैदरी, सोनाक्षी सिन्हा, शर्मिन सहगल, ऋचा चड्ढा और संजीता सना शेख नजर आ रही हैं. वहीं भंसाली की फेवरेट माधुरी दीक्षित भी हीरामंडी में नजर आएंगी. सोर्सेस का ये भी कहना है कि दीपिका पादुकोण और गंगूबाई यानी की आलिया भट्ट भी गेस्ट रोल करती नजर आएंगी.
लाहौर में असली हीरा मंडी
कहते हैं जब 1584 मुगल बादशाह अकबर ने फतेहपुर सीकरी से लाहौर आकर बस गए तो सन 1598 तक लाहौर मुगलिया सल्तनत की राजधानी रही. इस दौर में अकबर ने लाहौर किले के पास दरबारी अमीरों और मुलाज़िमों के लिए एक रिहायशी इलाक़ा बनवाया. या यूं कहें कि मुगलों ने अपनी अय्याशी का नया ठीकाना बना था. जल्द ही इसने मोहल्ले का रूप ले लिया. चूंकि ये शाही दरबार के नजदीक था इसलिए इसे शाही मोहल्ला कहा गया. धीरे-धीरे इस इलाके में तवायफों का आना हुआ, जो अधिकतर अफगानिस्तान से लाई गई थीं. इनका काम था दरबार में नाच गाने कर बादशाह का जी बहलाना. नृत्य के इस तरीके को मुजरा कहा जाता था. इतना ही नहीं, नाच गाना सिखाने के लिए बाकायदा उस्ताद रखे जाते थे.
तवायफों को वो ओहदा हासिल था कि लोग अपने बच्चों को तमीज़ और तहज़ीब सिखाने के लिए उनके पास भेजा करते थे. मुग़ल काल में तवायफों और शाही मोहल्ले की ये शान बरक़रार रही, लेकिन फिर 18वीं सदी में ये शानो शौकत उजड़ गई, महिलाओं और तवायफों की लाइफ कैसी थी, हीरामंडी के भव्यता भरे बाजार के पीछे की काली कहानी को भंसाली कहीं ना कहीं वेब सीरीज में दिखाने की कोशिश करेंगे.
एक साल पहले हुई थी घोषणा
संजय लीला भंसाली ने साल 2022 में नेटफ्लिक्स ने हीरामंडी का अनाउंसमेंट किया था. काफी लंबे समय से फैंस संजय लीला भंसाली के इस ड्रीम प्रोजेक्ट का इंतजार कर रहे हैं.