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जसवंत सिंह खालरा ने किया था पंजाब पुलिस के फेक एनकाउंटर का भंडाफोड़, अब Diljit Dosanjh की फिल्म में दिखेगा पूरा किरदार

Diljit Dosanjh

ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट जसवंत सिंह खालरा के जीवन पर बन रही फिल्म 'Punjab 95'

Punjab 95: पंजाबी सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ (Diljit Dosanjh) साल 2024 में काफी सुर्खियों में रहे थे. हाल ही में उन्होंने पीएम मोदी से भी मुलाकात की थी. जिसके बाद दिलजीत फिर से सुर्खियों में बन गए. अब एक बार फिर से दिलजीत सुर्खियों में बने हुए हैं. जिसका कारण उनकी अपकमिंग फिल्म ‘पंजाब 95’ है. यह फिल्म एक बायोपिक है, वो भी उस व्यक्ति की जिसने साल 1984 से लेकर 1995 के बीच हुए फेक एनकाउंटर का भंडाफोड़ किया था.

फिल्म ‘चमकीला’ से लोगों के दिलों जितने वाले दिलजीत एक बार फिर से तैयारी कर चुके हैं. जिसकी एक झलकियां दिलजीत ने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर की है. इंस्टा पर शेयर तस्वीर में दिलजीत के चेहरे खून से सने और कपड़े धूल से भरे हुए हैं. इन फोटो को देखकर फैंस भी काफी घबरा गए और हाल पूछना शुरू कर दिया.

https://twitter.com/ZoomTV/status/1877933850837635518

दिलजी ने शेयर की तस्वीर

आप भी फैंस की तरह घबरा रहे हैं तो बता दें कि ये तस्वीरें दिलजीत की अपकमिंग फिल्म पंजाब 95 की है. जो की ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट जसवंत सिंह खालरा के जीवन पर बनी हुई है. इन तस्वीरों को देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि दिलजीत एक बार फिर से कोई झन्नाटेदार कहानी लेकर दर्शकों के बीच आने वाले हैं. इन तस्वीरों को दिलजीत ने शेयर करते हुए लिखा, ‘मैं अंधेरे को चुनौती देता हूं.’

कौन है ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट जसवंत सिंह खालरा?

‘जसवंत सिंह खालरा’ की बॉयोपिक पर बन रही ‘पंजाब 95’ में दिलजीत मुख्य किरदार में दिखेंगे. पंजाब के मानवाधिकारों के एक्टिविस्ट जसवंत सिंह खालरा 1995 में अचानक गायब हो गए थे. जिसके बाद से आज तक उनकी कोई खबर नहीं लगी. बीते 2 साल पहले 2023 में उनकी बायोपिक अनाउंस हुई थी. जिसमें दिलजीत दोसांझ को लीड रोल में कास्ट किया गया था.

जसवंत सिंह पंजाब के रहने वाले थे. वह पंजाब में उग्रवाद काल के वक्त अमृतसर के एक बैंक में डायरेक्टर हुआ करते थे. जसवंत सिंह ने पंजाब में अचानक 2000 अज्ञात शवों के अपहरण और उनके क्रिमेशन की सच्चाई को उजागर किया था. उन्हें पंजाब पुलिस के द्वारा किए गए हजारों अज्ञात शवों के अपहरण और उनके क्रिमेशन के सबूत मिले थे.

जसवंत ने जब अज्ञात शवों के अपहरण और उनके क्रिमेशन बारे में जांच की तो उन्होंने कई सबूत इकट्ठे किए और उनकी इस जांच से दुनिया भर में हंगामा मच गया था. काफी विरोध भी शुरू हुआ था. इसकी जानकारी जब CBI तक पहुंची तो उन्होंने भी जांच की और देखा कि पंजाब पुलिस ने अकेले पंजाब के तरनतारन जिले में 2097 लोगों का अवैध तरीके से अंतिम संस्कार किया था. वहीं, जसवंत सिंह के डाटा को सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया और नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन ने वैध बताया था.

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अचानक हुए थे गायब

पुलिस की इस सच्चाई के सामने आने के बाद 6 सितंबर 1995 को जसवंत सिंह खालरा अचानक अपने घर के बाहर से गायब हो गए. इस मामले में उनकी पत्नी ने शिकायत दर्ज कराई थी और उन्होंने इसमें हत्या, अपहरण और आपराधिक साजिश की बात कही थी. लगभग एक दशक बाद लंबी सीबीआई जांच के बाद छह पुलिस अधिकारियों को उनकी हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था.

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