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‘फिल्म में हनुमानजी से कैसी भाषा बुलवा दी…’ Kumar Vishwas ने किया हमला तो मनोज मुंतशिर ने बता दिया ‘नफरती चिंटू’

kumar vishwas

कुमार विश्वास और मनोज मुंतशिर

कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) इन दिनों अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं. पहले उन्होंने एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा की शादी को लेकर इशारों-इशारों में तंज किया था, जिस पर जमकर बवाल बचा था. इसके बाद योगगुरु बाबा रामदेव के प्रोडक्ट्स को लेकर भी उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान तंज कसा था. अब एक बार फिर कुमार विश्वास ने गीतकार मनोज मुंतशिर पर तंज कसा है, जिसका उन्होंने जवाब भी दिया है.

दरअसल, एक कार्यक्रम में कवि कुमार विश्वास ने कहा, “इन लोगों ने राम पर फिल्म बनाई, कितने मूर्ख हैं ये. हनुमान जी से कैसी भाषा बुलवा दी और इसके बाद टीवी पर बहस करते हैं और कहते हैं कि वो तो भगवान थोड़ी थे, भक्त थे.” कुमार विश्वास ने कहा, “भाई मेरे, भगवान राम को कुछ भी कह लेना लेकिन उनको कुछ भी मत कह देना फिर तो राम जी भी नहीं बचा पाएंगे.”

मनोज मुंतशिर ने किया पलटवार

कुमार विश्वास के इसी बयान पर अब मनोज मुंतशिर का बयान भी आया है. मनोज मुंतशिर ने ट्वीट करते हुए लिखा, “मेरे कारण किसी की रोज़ी-रोटी चल रही है, तो चलने दीजिये. बजरंग बली की कृपा है जो मुझे इस लायक़ बनाया. ये सब छोड़िये और अपने दर्शकों को ये गीत दिखाइये जो मैंने रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के एक वर्ष पूरे होने पर लिखा है. प्रेम बांटिये, श्री राम को दिखाइये, नफ़रती चिंटुओं को अपने सम्मानित चैनल पर क्यों जगह दे रहे हैं. जय श्री राम।”

इसके पहले, कुमार विश्वास ने अपने अंदाज में बाबा रामदेव के ब्रांड पतंजलि के नमक भी मजाक उड़ाया था. कुमार विश्वास ने कहा था, “पतंजलि के नमक के पैकेट पर लिखा था कि यह 25 लाख साल पुराना हिमालय से निकाला गया नमक है. अब सोचिए कि कैसे बाबा फावड़े से अपनी धोती ऊपर करके नमक निकालते होंगे, और बालकृष्ण जी शायद नमक की टोकरी लेकर पीछे खड़े होते होंगे.”

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रामदेव ने भी दिया था जवाब

यह बयान इतनी चर्चा में आया कि बाबा रामदेव ने भी इसका जवाब दिया. बाबा रामदेव ने ‘एक्स’ पर लिखा, “कुमार विश्वास के पिता जी जब घर आते हैं तो उन्हें समझाते हैं और कहते हैं कि बाबा के बारे में उल्टा बोलना छोड़ दे. उनके माता-पिता मेरे परमभक्त हैं. जब भी वह मुझसे मिलते हैं, तो प्रेम से मिलते हैं. इनका तो पेशा ही है, दो-चार बातें छौंकने का, ताकि उनका काम चलता रहे. वह एक अतिउत्साही युवक हैं और माता सरस्वती की कृपा उन पर बनी रहे. मैं उनसे नाराज नहीं हूं, क्योंकि नाराज लोग महाराज नहीं होते.”

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