Oppenheimer: बीते साल हॉलीवुड के लेंजेंडरी डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म ‘ओपनहाइमर’ 22 जुलाई 2023 को रिलीज हुई. फिल्म ने रिलीज होते ही बॉक्स-ऑफिस पर धमाल मचा दिया. डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म ‘ओपेनहाइमर’ अमेरिका के वैज्ञानिक जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर जिंदगी से इंस्पायर्ड थी.ओपेनहाइमर को परमाणु बम के जनक के रूप में जाना जाता है.
फिल्म की कहानी
यह फिल्म अमेरिकी सेना के लिए ओपेनहाइमर के नेतृत्व में ‘ट्रिनिटी’ कोड नाम से दुनिया के पहले परमाणु परीक्षण की कहानी है. जिसमें परीक्षण से पहले और उसके बाद की घटनाओं का बेहद दिलचस्प तरह से प्रेजेंट किया गया है. इसमें लीड रोल में एक्टर किलियन मर्फी ने लीड रोल प्ले किया था. एमिली ब्लंट,मैट डेमन, रॉबर्ट डाउनकी जूनियर, फ्लोरेंस पुघ जैसे कलाकरों ने अहम भूमिका निभाई है. बता दें कि जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर को फादर ऑफ एटम बम भी कहा जाता है.
अगर आप पूरी फिल्म देखेंगे, तो आपको समझ आएगा कि फिल्म की कहानी मुख्य रूप से प्यार और पछतावे की भावना को अपने ही अंदाज में दिखाती नजर आएगी. डायरेक्टर ने इसी स्टाइल में सामान्य फिल्मों से हटकर एक मास्टरपीस तैयार किया है. इस फिल्म को हमेशा याद रखा जाएगा. वो इसलिए क्योंकि ओपेनहाइमर ने सिर्फ दर्शकों का दिल नहीं जीता बल्कि अवॉर्ड के मामले में भी फिल्म सबसे आगे चल रही है.
गोल्डन ग्लोब्स अवॉर्ड
81वें गोल्डन ग्लोब्स अवॉर्ड में डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म ओपेनहाइमर ने बेस्ट फिल्म समेत 5 अवॉर्ड्स अपने नाम किए हैं, जिसमें बेस्ट एक्टर-ड्रामा सिलियन मर्फी, बेस्ट डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन, बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए रॉबर्ट डाउनी जूनियर, बेस्ट ओरिजनल स्कोर के लिए लुडविग गोरानसन और बेस्ट पिक्चर ड्रामा का अवॉर्ड भी शामिल है.
बाफ्टा अवॉर्ड
ब्रिटिश एकेडमी फिल्म अवॉर्ड्स (बाफ्टा) 2024 के नामांकन की घोषणा हुई, और यहां भी क्रिस्टोफर नोलन के निर्देशन में बनी ओपेनहाइमर की धूम रही है, इस फिल्म को 13 नॉमिनेशन मिला.
ऑस्कर नॉमिनेशन में ओपेनहाइमर
द अकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज और एबीसी ने घोषणा करते हुए कहा कि 96वां ऑस्कर 10 मार्च 2024 को होगा, शो ओवेशन हॉलीवुड के डॉल्बी थिएटर में आयोजित किया जाएगा. लेकिन उससे पहले हुए नॉमिनेशन्स में क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म ओपेनहाइमर को 11 नॉमिनेशन मिले हैं. जिसमें बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट पिक्चर, बेस्ट एक्टर,बेस्ट एक्ट्रेस, बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस, बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर, बेस्ट ओरिजनल स्क्रिनप्ले, बेस्ट सिनेमेटोग्राफी,बेस्ट ओरिजनल सॉन्ग,बेस्ट कॉस्ट्यूम,मेकअप एंड हेयरस्टाइल, बेस्ट प्रोडक्शन डिजाइन,बेस्ट फिल्म एडिटिंग, बेस्ट विजुअल इफेक्ट की लिस्ट में शामिल है.अब इसमें से ओपेनेहाइमर को कितने ऑस्कर अवॉर्ड अपने नाम कर पाती है. इसका पता तो 10 मार्च को चलेगा जब हॉलीवुड के डॉल्बी थिएटर में आयोजित ऑस्कर सेरेमनी की लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी.
जानिए कौन है क्रिस्टोफर नोलन
ओपेनहाइमर के डायरेक्टर क्रिस्टोफर नोलन की फिल्म रिलीज से पहले ही खूब तारीफ हुई है. 1970 में 30 जुलाई को नोलन एक ब्रिटिश और अमेरिकी फिल्ममेकर हैं. नोलन पर्दे पर मुश्किल और जटिल कहानी कहने के लिए जाने जाते हैं. इन्होंने बहुत छोटी सी उम्र में फिल्म मेकिंग करनी शुरू कर दी थी. साल 1998 में ‘फॉलोइंग’ फिल्म के साथ बतौर डायरेक्टर शुरुआत की थी. लेकिन साल 2000 में नोलन की फिल्म ‘मेमेंटो’ ने इंटरनेशनल पहचान दिलाई.
क्रिस्टोफर नोलन की बेस्ट फिल्में
नोलन की साल 2023 में ओपेनहाइमर 12वीं फिल्म है. 2005 में उनकी फिल्म बैंटमैन बिगिन्स, 2008 में द डार्क नाइट, साल 2012 में द डार्क नाइट राइजेज ने उन्हें हॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के अंदर बॉक्सऑफिस पर किंग बना दिया. साल 2014 में इंटरस्टेलर, साल 2017 में डंकिर्क और साल 2020 में इनकी फिल्म टेनेट की कहानी देखकर आपके दिमाग की नसें खींच जाएंगी. सबसे खास बात ये है कि इनकी फिल्मों का क्लाइमैक्स इतना सस्पेंस क्रिएट करता है कि दर्शक सिनेमाहॉल से बाहर निकलने के बाद भी कड़ियां जोड़ता रह जाता है.
21 वीं सदी के बेहतरीन डायरेक्टर
क्रिस्टोफर नोलन की एक से बढ़कर एक शानदार फिल्मों के जरिए ही इनकी गिनती 21वीं सदी के सबसे बेहतरीन फिल्म डायरेक्टर्स में होती है. अब 11 ऑस्कर अवार्ड नॉमिनेशनल, पांच बाफ्टा अवॉर्ड नॉमिनेशन और छह गोल्डन ग्लोब्स अवॉर्ड पा चुकी है. इससे पहले क्रिस्टोफर नोलन को साल 2015 में टाइम मैगजीन ने दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में शामिल किया था. वहीं साल 2019 में उन्हे कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर भी चुना गया था.
डायरेक्शन जरा हटके
क्रिस्टोफर नोलन की फिल्मों में साइंस फिक्शन, एडवांस टेक्नोलॉजी, वैज्ञानिकों की जूझ-बूझ रहस्य रोमांच एडवेंचर, डर, खौफ, प्यार, इमोशन हर एक एंगल देखने को मिलेगा. उनकी हर फिल्म में एक नया एक्साइटमेंट दिखता है जो आपको एक नए सफर पर लेकर चली जाती है. उनकी कहानी कहने की कला, एक एक फ्रेम को डायरेक्ट करने का अंदाज आपको उनकी बेस्ट फिल्मों में दिखाई देगा. अपनी फिल्मों के लिए ऐसा किरदार सिलेक्ट करते हैं. जो हर एंगल से दर्शकों के दिलों पर छा जाता है. जिसका उदाहरण है उनकी फिल्म ‘ओपेनहाइमर’ जो एक ऐसे अमेरिकी वैज्ञानिक की कहानी है जिसे एटम बम का जनक कहा जाता है. उनकी फिल्मों के हीरो भी अपने रोल को जीवंत बना देते हैं. ओपेनहाइमर के लिए क्रिस्टोफर ने एक्टर किलियन मर्फी को कास्ट किया.
एक्टर किलियन मर्फी और ओपेनहाइमर
फिल्म ओपेनहाइमर के लिए क्रिस्टोफर नोलन की तारीफ हो रही है. उसके कहीं ज्यादा फिल्म के एक्टर किलियन मर्फी की भी की जा रही है, क्योंकि मर्फी ने फिल्म में अपने किरदार को जीवंत कर दिया. जे रॉबर्ट को तो लोगों ने देखा नहीं. उन्हीं के रोल में दर्शकों ने इन्हें महसूस किया. इसके लिए मर्फी ने भी 6 महीने की कड़ी ट्रेनिंग ली.
6 महीने की कड़ी ट्रेनिंग
हॉलीवुड फिल्म ओपेनहाइमर लीड रोल प्ले करने वाले एक्टर सिलियन मर्फी की एक्टिंग की तारीफ की जा रही है. फिल्म में सिलियन ने साइंटिस्ट जे रॉबर्ट ओपेनहाइमर का रोल प्ले किया है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें 6 महीने की कड़ी ट्रेनिंग ली.तब कहीं जाकर वो अपने रोल में परफेक्शन दिखा पाए. खबर तो ये है कि जे रॉबर्ट ओपेहाइनर की तरह ही मर्फी ने भी भगवत् गीता पढ़ी थी. जिससे वो एक एक सीन को जीवंत कर सकें. हालांकि भगवत् गीता वाले सीन को लेकर भारत में जमकर विवाद हुआ. भारत में फिल्म रिलीज पर बैन लगााया.
‘ओपेनहाइमर’ भारत में क्यों हुआ था विवाद
फिल्म के एक सीन में लीड कैरेक्टर सेक्स सीन के दौरान संस्कृत में लिखा एक वाक्य पढ़ते नजर आ गया था. इस सीन को लेकर भारतीय सोशल मीडिया पर फिल्म को लेकर जमकर विवाद हुआ. दरअसल फिल्म के सीन में एक्ट्रेस उनसे पूछती हैं ये कौन सी किताब है .वो ओपेनहाइमर से किताब का एक पन्ना पढ़ने को कहती हैं. जीन के कहने पर ओपनहाइमर पढ़ते हैं- मैं अब काल हूं जो लोकों (दुनिया) का नाश करता हूं. सीन में ये नहीं दिखता कि जीन ने जो किताब हाथों में ली है. उसका नाम क्या है, लेकिन उसके पन्ने पर जो दिखता है, वो संस्कृत जैसा लिखा हुआ दिखता है. फिल्म के विवाद के बाद सीन को फिल्म से हटा दिया गया.
जे रॉबर्ट ने भगवग् गीता पढ़ा श्लोक
एटम बम के जनक कहे जाने वाले ओपेनहाइमर के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने संस्कृत सीखी थी और वो भगवद् गीता से प्रभावित थे. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 16 जुलाई 1945 में पहली बार एटम बम के विस्फोट को देखने के बाद एक इंटरव्यू में ओपेनहाइमर ने कहा था ‘’मुझे पौराणिक हिंदू किताब भगवद् गीता की कुछ पंक्ति याद आईं’’ उन्होंने कहा ‘’भगवान कृष्ण अर्जुन को समझा रहे हैं कि उन्हें अपने कर्तव्य करते रहना चाहिए, वो अपना विराट रूप दिखाते हुए अर्जुन से कहते हैं, मैं अब काल हूं, जो लोकों का नाश करता हूं.’’ ये बात गीता के 11वें अध्याय के 32वें श्लोक में है जिसमें श्रीकृष्ण कहते हैं, ‘’काल: अस्मि लोकक्षयकृत्प्रविद्धो लोकान्समाहर्तुमिह प्रवृत्त:’’