Special Ops Season 2 Review: Special ops एक ऐसी सीरीज है जिसकी एक CULT फैन फॉलोविंग बन चुकी है. इसके अगले सीजन का फैंस को हमेशा ही बेसब्री से इंतजार रहता है, इस शो ने लोगों के दिल में अपनी एक अलग जगह बनाई है. इसके पहले इस शो का सीजन 1 और 1.5 आया था और अब नीरज पांडेय और केके मेनन सीजन 2 लेकर आ गए हैं . वैसे तो ये तीसरा सीजन है लेकिन इसे सीजन-2 कहा गया है. इस बार भी ये शो उम्मीदों पर पूरी तरह खरा उतरता है या नहीं
साइबर क्राइम की हुई एंट्री
अब जमाना AI का है इसलिए इस बार कहानी में साइबर क्राइम की एंट्री हुई है. कहानी की शुरुआत भारत के एक बड़े वैज्ञानिक डॉ. पीयूष भार्गव के अपहरण और एक टॉप इंटेलिजेंस अफसर की हत्या से शुरू होती है, इसके बाद डॉ. भार्गव को वापस भारत लाने की जिम्मेदारी हिम्मत सिंह यानी केके मेनन को दी जाती है. अब हिम्मत और उनकी टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती ये है कि ना उन्हें किडनैपर का मकसद पता है और न ही इसके पीछे के मास्टरमाइंड का, लेकिन अगर वो उन्हें वापस नहीं लाये तो पूरे देश की सिक्योरिटी पर खतरा है. देश में सबके बैंक अकाउंट्स खाली हो सकते हैं, एक ऐसा विलेन है जिसे लोगों को अपने पास कैद करके रखने का शौक है. अब ये सब कैसे जुड़ा हुआ है, इसके लिए आपको ये शो देखना होगा.
केके मेनन की शानदार एक्टिंग ने मचाया धमाल
केके मेनन इस शो की जान हैं, वे एक्टिंग की मास्टर क्लास हैं. बिना चीखे-चिल्लाए वो अपना काम करते जाते हैं. अपने डायलॉग्स और अपनी आंखों से वो जो इम्पैक्ट दिखाते हैं, उससे मजा आ जाता है. अपनी पर्सनल लाइफ को भी बड़े सहज तरीके से मेंटेन करते हैं. अपनी वाइफ के साथ नोंक-झोंक के सीन शानदार लगते हैं और अगर कहानी में कोई कमी भी है तो केके उसे अपनी कमाल एक्टिंग से कवर कर देते हैं. करण टैकर को देखकर लगता है कि इनको इंडस्ट्री में बड़े मौके क्यों नहीं मिलते करण गजब डैशिंग लगते हैं और उन्होंने कमाल काम किया है.
उनकी स्क्रीन प्रेजेंस किसी बड़े बॉलीवुड हीरो जैसी है. ताहिर राज भसीन एक अलग तरह के विलेन बने हैं. उसे लोगों को कैद करने का शौक है, वो भी बिना खून खराबा किए बड़ा खौफ पैदा करते हैं. प्रकाश राज का काम अच्छा है, एक ऐसा शख्स जो बैंक से अपना ही पैसा ही नहीं निकाल पा रहा है. इस बेबसी को वो कमाल तरीके से दिखाते हैं. हिम्मत सिंह की वाइफ के रोल में गौतमी कपूर अच्छी लगी हैं. मुज्जमिल इब्राहिम काफी इंप्रेस करते हैं. परमीत सेठी बढ़िया लगे हैं, सैयमी खेर ठीक हैं, वो इससे बहुत अच्छे काम कर चुकी हैं. आरिफ जकारिया का काम बढ़िया है, शिखा तलसानिया अच्छी लगी हैं.
वेबसीरीज की राइटिंग अच्छी है
नीरज पांडे और शिवम नायर ने ये सीरीज बनाई है. राइटिंग अच्छी है, कसी हुई है लेकिन और बेहतर हो सकती थी. स्पेशली इसकी एंडिंग में मुझे लगा की जल्दी खत्म कर दिया थोड़ा और जान डाली जा सकती थी, डायरेक्शन शानदार है. सीरीज की पेस जबरदस्त है, सीरीज सांस लेने का मौका नहीं देती है और जैसा कि नीरज पांडेय का फिल्ममेकिंग स्टाइल है. उससे ये भी बताती है कि बिना चीख-चिल्लाहट, ज्यादा खून-खराबे के भी अच्छी सीरीज बन सकती हैं.
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कैसी है वेवसीरीज ?
ये सीरीज बढ़िया है, कहानी स्पीड से आगे बढ़ती है. एक के बाद एक ट्विस्ट आते रहते हैं, नए किरदर आते हैं, लगातार कुछ न कुछ नया होता ही रहता है. कई देशों से कहानी गुजरती है तो आपको कमाल की लोकेशंस भी देखने को मिलती हैं. नए किरदारों की एंट्री ने इस सीरीज को और ज्यादा दिलचस्प बना ही दिया है. एक्शन सीन शानदार हैं, शो की प्रोडक्शन वैल्यू काफी अच्छी है. इस बार सीरीज को काफी बड़े पैमाने में शूट किया गया है, जिसमें कई बड़े-बड़े देश शामिल हैं और इस बार सीजन बिलकुल हॉलीवुड स्टाइल में शूट किया गया है.
आप एक बार सीरीज देखना शुरू करेंगे तो पूरी देखकर ही उठेंगे इसकी गारंटी मेरी. इसके कुल 7 एपिसोड्स हैं, हर एपिसोड 50 मिनट से 1 घंटे का है और बिल्कुल खिंचा हुआ नहीं लगता. ये सीरीज अपनी जगह लोगों के दिल में इस कदर बना चुकी है कि इस सीजन को लोग देखेंगे ही देखेंगे जो करना है करलो. मेरी तरफ से इस सीरीज को 5 में से 4.5 स्टार्स
