Hema Committee Report: शक्तिशाली फिल्म उद्योग में से एक के कई अहम पदों से सितारों का इस्तीफा, महिलाओं का यौन उत्पीड़न और समाज के सभी वर्गों में चर्चा. भारत के दक्षिणी राज्यों में से एक केरल में पहले कभी न देखी गई घटनाएं देखने को मिल रही हैं. इसका पूरा श्रेय एक दस्तावेज़ को जाता है. इसका नाम है जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट.
यह ‘मी टू’ की कहानी है, शायद हॉलीवुड में हार्वे वीनस्टीन कांड से हुए बदलावों से भी बड़ी. केरल से आई इस रिपोर्ट की धमक भारत के बाकी हिस्सों में फिल्म उद्योगों में गूंज रही हैं. आइये आखिर ये हेमा कमेटी की रिपोर्ट है क्या? पैनल क्यों गठित किया गया था, और मोहनलाल जैसे बड़े नाम इस मामले में कैसे शामिल हैं? विस्तार से जानते हैं:
A फॉर AMMA
मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (A.M.M.A) मलयालम मूवी के एक्टरों के लिए फिल्म उद्योग का सबसे बड़ा निकाय है. ए.एम.एम.ए. के सभी पदाधिकारियों ने 27 अगस्त, 2024 को ‘नैतिक जिम्मेदारी’ लेते हुए इस्तीफा दे दिया. यह कदम हेमा कमेटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद उठाया गया है. समिति के कुछ पदाधिकारियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है. ए.एम.एम.ए. के महासचिव अभिनेता सिद्दीकी पर बलात्कार का आरोप लगाया गया है. एक अन्य पदाधिकारी, बाबूराज पर भी यौन उत्पीड़न का आरोप है. मुकेश, एडावेला बाबू, मनियापिल्ला राजू और जयसूर्या सहित कई प्रमुख सदस्यों पर भी यौन हिंसा का आरोप लगाया गया है.
B फॉर विश्वासघात
फरवरी 2017 में एक प्रमुख मलयालम अभिनेत्री का अपने करियर के चरम पर एक चलती गाड़ी में यौन उत्पीड़न किया गया था. आरोप लगाया गया कि पीड़िता के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया. अपने ही सर्कल के लोगों द्वारा धोखा दिए जाने के बाद अभिनेत्री कठिन परिस्थितियों में अदालत में केस लड़ रही है. इस बीच, इस मामवे ने केरल फिल्म उद्योग में महिलाओं के बीच व्यापक आक्रोश पैदा कर दिया. महिलाओं ने मिलकर वीमेन इन सिनेमा कलेक्टिव (WCC) का गठन किया. WCC ने केरल राज्य सरकार से कार्रवाई की मांग की. इसके बाद केरल सरकार ने फिल्म उद्योग में महिलाओं की कामकाजी परिस्थितियों की जांच के लिए हेमा समिति का गठन किया.
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हेमा समिति की रिपोर्ट में क्या है?
हेमा समिति ने इसी 18 अगस्त को मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के सामने आने वाली समस्याओं पर अपनी रिपोर्ट जारी की. हालांकि, यह रिपोर्ट सरकार को पांच साल पहले ही सौंपी जा चुकी थी. 18 अगस्त को सार्वजनिक हुई 235 पन्ने की रिपोर्ट में कई तरह के गंभीर मामले सामने आए. सिनेमा उद्योग में यौन शोषण, अवैध प्रतिबंध, भेदभाव, नशीली दवाओं और शराब के दुरुपयोग, वेतन असमानता जैसे खतरनाक और गंभीर मामले उजागर हुए. रिपोर्ट में कहा गया है कि मलयालम सिनेमा कुछ पुरुष निर्माताओं, निर्देशकों और अभिनेताओं के चंगुल में है.
22 अगस्त को केरल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को समिति की पूरी रिपोर्ट की एक प्रति सीलबंद लिफाफे में न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. अगले दिन एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (AMMA) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरे मसले पर प्रतिक्रिया दी. 23 अगस्त को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में एएमएमए के महासचिव और अभिनेता सिद्दीकी ने इन आरोपों से इनकार किया कि एसोसिएशन ने रिपोर्ट के प्रकाशन को रोकने की कोशिश की थी. सिद्दीकी पर एक युवा अभिनेत्री ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. इस रिपोर्ट के आधार पर अब केरल सरकार ने एक एसआईटी का गठन कर दिया है.
26 अगस्त को केरल में एर्नाकुलम उत्तर पुलिस ने एक अभिनेत्री द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर अभिनेता रंजीत के खिलाफ गैर-जमानती मामला दर्ज किया. अगले दिन अभिनेता मोहनलाल ने एएमएमए के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. इसके साथ ही कार्यकारी समिति के सभी सदस्यों ने अपना संयुक्त इस्तीफा सौंप दिया.
मोहनलाल ने तोड़ी चुप्पी
एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (AMMA) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के कुछ दिनों बाद अभिनेता मोहनलाल ने हाल ही में जारी हेमा समिति की रिपोर्ट पर आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ दी है. उन्होंने कहा कि वह मलयालम फिल्म उद्योग में किसी भी शक्तिशाली समूह का हिस्सा नहीं हैं और उन्हें इस क्षेत्र में ऐसे किसी समूह के अस्तित्व के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि मलयालम सिनेमा एक बहुत बड़ा उद्योग है जहां हजारों लोग काम करते हैं. उन्होंने कहा कि जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट जारी होने के बाद उनके नेतृत्व वाली एसोसिएशन की कार्यकारी समिति ने अपने ऊपर लगे आरोपों के मद्देनजर हाल ही में इस्तीफा दे दिया है.
केरल सरकार की गठित एसआईटी फिलहाल पूरे मसले की जांच कर रही है. विशेष जांच दल शिकायतकर्ता का बयान दर्ज कर रही है. उधर पुलिस भी अब तक अलग-अलग शिकायतों के आधार पर केस दर्ज कर जांच में जुटी है. इस बीच, जाने-माने निर्देशक आशिक अबू ने शुक्रवार को फिल्म कर्मचारी महासंघ केरल (FEFKA) निर्देशक संघ से इस्तीफा दे दिया. अबू ने हेमा समिति की रिपोर्ट पर निर्माताओं के संगठन के पाखंडी रुख की आलोचना की है. उन्होंने यह भी दावा किया कि FEFKA के महासचिव उन्नीकृष्णन के नेतृत्व में संगठन ने पहले मनमाने ढंग से कलाकारों पर पाबंदी लगाई है.