Akhilesh Yadav: PDA की जंग में मज़बूत महारथी उभरे रामजीलाल सुमन से मिलने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव उनके आवास आगरा पहुंचे. वीर योद्धा राणा सांगा पर रामजीलाल सुमन द्वार की गई आपत्तिजनक टिप्पणी और उसके बाद मचे बवाल के बाद यह पहली बार है, जब अखिलेश उनके आवास पहुँचे. इस दौरान उन्होंने मीडिया को संबोधित भी किया और भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला. अखिलेश यादव ने दलित यादव गठजोड़ पर ज़ोर देते हुए रामजीलाल सुमन के साथ हर परिस्थित में डंटे रहने का दावा किया.
उन्होंने कहा, “रामजीलाल सुमन एक दलित नेता हैं और उन पर हमला उनकी जाति और सपा की आवाज को दबाने की साजिश है. बीजेपी इतिहास के पन्नों को चुनिंदा तरीके से पलटकर नफरत फैलाती है. अगर सुमन जी के साथ कोई घटना होती है, तो इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिम्मेदार होंगे, क्योंकि वे ऐसी ताकतों को संरक्षण दे रहे हैं.”
अखिलेश यादव ने करणी सेना को ‘बीजेपी की सेना’ करार दिया. उन्होंने आरोप लगाए कि करणी सेना को सरकार का प्रश्रय मिला हुआ है. सीएम योगी के ऊपर निशाना साधते हुए चेतावनी दी कि उनके दलित नेता के साथ अगर कुछ ग़लत होता है कि समाजवादी पार्टी इस लड़ाई को अलग अंजाम तक ले जाएगी. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता अपने नेता के अपमान के ख़िलाफ़ हमेशा एकजुट रहेंगे. ग़ौरतलब है कि इस मुलाकात को सपा की पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) रणनीति को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें सुमन एक प्रमुख दलित चेहरा हैं. अखिलेश ने यह भी जोड़ा कि सपा सामाजिक सौहार्द के लिए प्रतिबद्ध है और इतिहास को लेकर अनावश्यक विवादों से बचना चाहती है.
माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी ने आगरा पहुंचकर समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद श्री रामजीलाल सुमन जी से मुलाकात की। pic.twitter.com/ZbHmxsANBY
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) April 19, 2025
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ग़ौरतलब है कि बीते दिनों लोकसभा में मेवाड़ के राजपूत शासक राणा सांगा के ऊपर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद करणी सेना आग-बबूला हो गई थी और इसे अपान बताते हुए रामजीलाल सुमन के घर का घेराव कर दिया था. इस दौरान जमकर ईंट-पत्थर भी चले. पुलिस को हालात से निपटने के लिए लाठी चार्ज करनी पड़ी. इसके कुछ दिन बाद आगरा में करणी सेना के लोगों का जुटान हुआ और इस दौरान तलवार लहराते इसके कार्यकर्ता देखे गए. हालाँकि, दलित नेता सुमन के घर पर हुए हमले के मामले में अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मामला तो दर्ज हुआ है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई है. ऐसे में 2027 विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र अखिलेश का दलित अस्मिता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सवर्ण जातियों के ख़िलाफ़ जंग एक नया चुनावी आयाम दे रहा है.
