Agniveers: पहलगाम हमले के बाद भारत ने पकिस्तान और PoK के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. भारत ने ये कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 6-7 मईकी दरमियानी रात की. यह ऑपरेशन आगे भी बर्करार रहा. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों के साथ साथ सैन्य ठिकनों और एयरबेसों को भी तबाह किया. हालांकि इस अभियान की हर चीजें बेहतरीन रही, मगर एक जो खास बता रही वो है अग्निवीरों का शौर्य.
पाक के खिलाफ दिखा अग्निवीरों का शौर्य
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर में अग्निपथ योजना के तहत भर्ती हुए करीब 3000 अग्निवीरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. ये वहीं अग्निवीर हैं जिनकी भर्ती को लेकर विपक्ष ने कई सवाल उठाए थे. 20 वर्ष की औसत आयु वाले इन अग्निवीरों ने गनर, अग्नि नियंत्रण ऑपरेटर, रेडियो ऑपरेटर और मिसाइल युक्त वाहनों के चालक जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम दिया.
अग्निवीरों ने पाक को किया धुंआ-धुंआ
रिपोर्ट में बताया गया है कि अग्निवीरों ने ‘आकाशतीर’ वायु रक्षा प्रणाली को संचालित कर पाकिस्तानी मिसाइलों और ड्रोन हमलों को नाकाम किया. ऑपरेशन में नूर खान और रहीमयार खान जैसे पाकिस्तानी एयरबेस को निशाना बनाया गया. जिससे उनकी वायु रक्षा प्रणाली को भारी नुकसान पहुंचा. भारतीय सेना ने दावा किया कि इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकी और दर्जनों पाकिस्तानी सैनिक मारे गए, जबकि पाकिस्तान ने केवल 11 सैनिकों की मौत की पुष्टि की है.
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विपक्ष ने उठाए थे सवाल
बता दें कि मोदी सरकार ने जब अग्निपथ योजना लाई थी, तब विपक्ष ने इसे लेकर कई सवाल उठाए थे. इसे सैन्य भर्ती में अस्थायी और अनुभवहीन बताकर आलोचना की थी. हालांकि, ऑपरेशन सिंदूर में अग्निवीरों के प्रदर्शन ने इन आलोचनाओं को मुहतोड़ जवाब दिया है. भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन को ‘न्याय’ का नाम देते हुए कहा कि यह पहलगाम हमले का बदला नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ कड़ा सबक था. इस ऑपरेशन ने न केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि अग्निपथ योजना की सफलता और अग्निवीरों की क्षमता को भी साबित किया.
