ICG-VCG Meeting: भारत और वियतनाम के बीच समुद्री रिश्ते एक बार फिर मजबूत हुए हैं. बुधवार को वियतनाम की राजधानी हनोई में भारतीय तटरक्षक बल (ICG) और वियतनाम तटरक्षक बल (VCG) की 6वीं हाई-लेवल मीटिंग हुई. यह बैठक 2015 में दोनों देशों के बीच हुए एक महत्वपूर्ण समझौते (MoU) के तहत हुई, जिसका मकसद समुद्री सहयोग को और गहरा करना है. इस बैठक की कमान संभाली भारत की ओर से एडिशनल डायरेक्टर जनरल आनंद प्रकाश बडोला ने और वियतनाम की ओर से मेजर जनरल वु त्रुंग कियेन ने.
क्या-क्या हुई बात?
बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. दोनों देशों ने समुद्री खोज और बचाव (SAR), समुद्री कानून प्रवर्तन (MLE), समुद्री प्रदूषण से निपटने (MPR) और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया. यानी, अगर समुद्र में कोई हादसा हो, कोई जहाज डूबे या कोई आपदा आए, तो दोनों देश मिलकर तेजी से कार्रवाई करेंगे. इसके अलावा समुद्र में होने वाली गैरकानूनी गतिविधियों जैसे तस्करी, अवैध मछली पकड़ना और मानव तस्करी को रोकने के लिए भी रणनीति बनाई गई. दोनों पक्षों ने तय किया कि वे संयुक्त गतिविधियों को और बढ़ाएंगे ताकि समुद्र में एक-दूसरे की मदद आसानी से की जा सके.
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समुद्र को स्वच्छ और सुरक्षित रखने की प्रतिबद्धता
इस बैठक में पर्यावरण की सुरक्षा भी एक बड़ा मुद्दा रहा. जैसे तेल रिसाव या अन्य हानिकारक कचरे से समुद्र को बचाने के लिए दोनों देशों ने मिलकर काम करने का वादा किया. इसके साथ ही, समुद्री सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में एक-दूसरे की मदद करने पर भी सहमति बनी.
सबसे खास बात ये है कि यह बैठक सिर्फ कागजी बातों तक सीमित नहीं थी. दोनों देशों ने एक-दूसरे के साथ नियमित तौर पर मुलाकातें, प्रशिक्षण कार्यक्रम और जहाजों के दौरे बढ़ाने का फैसला किया. ये कदम न सिर्फ दोनों तटरक्षक बलों के बीच भरोसा बढ़ाएंगे, बल्कि क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा को भी मजबूत करेंगे.
क्यों खास है यह मुलाकात?
भारत और वियतनाम का समुद्री सहयोग दक्षिण चीन सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए बेहद जरूरी है. दोनों देशों के बीच यह दोस्ती न केवल समुद्री अपराधों को रोकने में मदद करती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और आपदा प्रबंधन में भी अहम भूमिका निभाती है.
