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राहुल गांधी के बाद अब तेजस्वी का चुनाव आयोग पर निशाना, कहा- गुजरात के लोग बिहार में वन रहे वोटर

Tejashwi Yadav

तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं

Bihar Politics: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर सियासी तूफान खड़ा हो गया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बाद अब राजद नेता तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. तेजस्वी ने दावा किया कि गुजरात के लोगों को बिहार की वोटर लिस्ट में शामिल किया जा रहा है, जबकि विपक्षी मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं. तेजस्वी ने इसे ‘वोट चोरी’ की साजिश करार दिया. उन्होंने भाजपा पर चुनाव आयोग को अपने कब्जे में लेने का भी आरोप लगाया है.

तेजस्वी का सनसनीखेज आरोप

तेजस्वी यादव ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बिहार की मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हो रही है. उन्होंने दावा किया कि SIR प्रक्रिया के तहत गुजरात के लोगों को बिहार में वोटर के रूप में जोड़ा जा रहा है, जिसका मकसद विपक्षी मतदाताओं के वोटिंग अधिकारों को कमजोर करना है. तेजस्वी ने इसे ‘लोकतंत्र का चीरहरण’ बताया और कहा कि 35 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं, जिनमें ज्यादातर गरीब और कमजोर वर्ग के लोग शामिल हैं.

उन्होंने कहा कि SIR का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और कल जिनके नाम SIR में मृतक के रूप में दर्ज थे, उन्हें कोर्ट में जिंदा पेश किया गया. यह एक गंभीर मामला है जिसे लोग वोट चोरी कह रहे हैं, लेकिन भाजपा के इशारे पर चुनाव आयोग ‘वोट चोरी’ में लगा हुआ है. अब जब सच्चाई सामने आ रही है, तो भाजपा चुप हो गई है.’

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा- ‘बीजेपी के कई नेताओं के एक नहीं बल्कि दो-दो EPIC नंबर बने हुए हैं, जबकि विपक्षी दलों के वोटरों को मृत घोषित कर उनका नाम वोटर लिस्ट से काटा जा रहा है.’ तेजस्वी ने दावा किया कि मुजफ्फरपुर की मेयर और बीजेपी नेत्री निर्मला देवी के एक ही विधानसभा में दो EPIC ID हैं, जिनमें उम्र भी अलग-अलग दर्ज है- एक में 48 वर्ष और दूसरे में 45 वर्ष. इतना ही नहीं, उनके दोनों देवरों के भी अलग-अलग EPIC नंबर हैं.

सुप्रीम कोर्ट में खुलासा

तेजस्वी ने सुप्रीम कोर्ट में चल रहे SIR मामले का जिक्र करते हुए कहा कि जिन लोगों को मतदाता सूची में मृतक के रूप में दर्ज किया गया था, उन्हें कोर्ट में जिंदा पेश किया गया. यह खुलासा विपक्ष के उस दावे को मजबूती देता है कि SIR के नाम पर जानबूझकर धांधली की जा रही है. तेजस्वी ने कहा कि यह ‘वोट चोरी’ का स्पष्ट सबूत है, और भाजपा इस साजिश में शामिल है.

EC भाजपा की कठपुतली- तेजस्वी

तेजस्वी ने चुनाव आयोग को भाजपा का ‘हथियार’ बताते हुए कहा कि पहले भाजपा के पास चुनाव में धांधली करने का फॉर्मूला था, जिसमें सीबीआई और ईडी को लगाया गया था, लेकिन जब ये सभी एजेंसियां फेल हो गईं, तो चुनाव आयोग को आगे किया गया. 2020 में भी चुनाव आयोग ने वोटों की चोरी की. हम 10 सीटों पर 12,000 वोटों के अंतर से हार गए. चंडीगढ़ मेयर चुनाव में सीसीटीवी के बावजूद वे पकड़े गए, इसलिए चुनाव आयोग ने सीसीटीवी को पूरी तरह से हटा दिया. देश की जनता सब समझती है. चुनाव आयोग केवल भाजपा का साथ दे रहा है. यह विपक्ष के वोटों को कम कर रहा है और एक ही विधानसभा क्षेत्र में भाजपाइयों के लिए दो ईपीआईसी नंबर बना रहा है.’

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राहुल गांधी का समर्थन

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी चुनाव आयोग पर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया है. उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में 48 सीटों पर धांधली का दावा किया, खासकर कर्नाटक की बेंगलुरु सेंट्रल सीट का उदाहरण देते हुए. राहुल ने SIR को भाजपा के साथ मिलीभगत का नतीजा बताया और इसे ‘लोकतंत्र पर हमला’ करार दिया है. इधर, उन्होंने 14 अगस्त को ‘लोकतंत्र बचाओ मशाल जुलूस’ और 22 अगस्त से 7 सितंबर तक ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ रैली की घोषणा की है.

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