Ahmedabad Plane Crash: 12 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान टेक ऑफ करते ही 32 सेकेंड में क्रैश हो गया था. इस हादसे में पैसेंजर्स और क्रू मेंबर्स समेत कुल 275 जिंदगियां चली गईं. इस हादसे को लेकर भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी कर दी है. इस जांच रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. 15 पन्ने की इस रिपोर्ट में सामने आया है कि एयर इंडिया का विमान दोनों इंजन बंद होने के कारण गिरा. दोनों इंजन में ईंधन की सप्लाई एक सेकंड के अंतराल में बंद हो गई थी, जिस कारण विमान क्रैश हो गया. जानिए रिपोर्ट में क्या-क्या तथ्य सामने आए हैं.
जांच रिपोर्ट आई सामने
एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की 15 पन्नों की रिपोर्ट के मुताबिक टेकऑफ के तुरंत बाद विमान के दोनों इंजनों में एक सेकंड के अंतराल में ईंधन सप्लाई बंद हो गई थी. विमान ने सुबह करीब 8:08 बजे 180 नॉट्स की अधिकतम इंडिकेटेड एयरस्पीड (IAS) हासिल की. इसके तुरंत बाद इंजन-1 और इंजन-2 के फ्यूल कट-ऑफ स्विच (जो इंजन को ईंधन भेजते हैं) ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ पोजिशन में चले गए और वो भी सिर्फ 1 सेकंड के अंतराल पर, जिससे इंजनों में ईंधन आना बंद हो गया और दोनों इंजन के N1 व N2 रोटेशन स्पीड तेजी से गिरने लगी.
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में दर्ज बातचीत ने चौंकाया
जांच के दौरान कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में दर्ज दोनों पायलट के बीच हुई बातचीत भी सामने आई है. इसमें पायलट सुमीत सभरवाल ने को-पायलट क्लाइव कुंदर से पूछा- ‘तुमने इंजन फ्यूल क्यों बंद किया?’ जवाब में कुंदर ने कहा- ‘मैंने कुछ नहीं किया.’ वहीं रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक जांच में ऐसा कुछ नहीं मिला है, जिससे बोइंग 787-8 विमान या उसके इंजन बनाने वाली कंपनी के लिए कोई चेतावनी जारी की जाए.
इंजन रीलाइट की नाकाम कोशिश
AAIB की रिपोर्ट के मुताबिक इंजन-1 को रीलाइट करने की कोशिश में कुछ हद तक सफलता मिली, लेकिन इंजन-2 पूरी तरह रिकवर नहीं हो सका. ऑटोस्टार्ट मोड में सक्रिय हुए ऑक्जिलरी पावर यूनिट (APU) ने भी विमान को स्थिर करने में मदद नहीं की. एयरपोर्ट के CCTV फुटेज से पता चला है कि टेकऑफ के बाद विमान की रैम एयर टर्बाइन (RAT) तुरंत बाहर निकल आई, जो बिजली सप्लाई में रुकावट का संकेत देती है. RAT एक आपातकालीन उपकरण है, जो इंजन या हाइड्रोलिक फेल्यर के दौरान स्वचालित रूप से सक्रिय होकर विमान को ऊंचाई बनाए रखने में मदद करता है.
मेडे कॉल और तुरंत सक्रिय हुईं आपातकालीन सेवाएं
EAFR रिकॉर्डिंग के अनुसार, सुबह 08:09:05 बजे पायलट ने ‘मेडे मेडे मेडे’ कॉल भेजी. एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATCO) ने जवाब दिया, लेकिन विमान से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. ATCO ने देखा कि विमान रनवे पार करने से पहले ही नीचे गिर रहा था. सुबह 08:14:44 बजे फायर टेंडर और स्थानीय प्रशासन की टीमें रेस्क्यू के लिए पहुंचीं. हादसा एयरपोर्ट की परिधि दीवार के पास हुआ और जांच में बर्ड हिट की संभावना को खारिज कर दिया गया.
जांच में ड्रोन और विशेष तकनीकों का उपयोग
AAIB ने ड्रोन फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के जरिए दुर्घटनास्थल का विश्लेषण किया. मलबे को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है. एक्सटेंडेड एयरफ्रेम फ्लाइट रिकॉर्डर (EAFR) को भारी नुकसान पहुंचा, जिसके डेटा को निकालने के लिए विशेष तकनीकों का इस्तेमाल हो रहा है. फॉरवर्ड यूनिट का डेटा डाउनलोड कर लिया गया है. APU फिल्टर और लेफ्ट विंग के रिफ्यूल/जेटिसन वाल्व से सीमित मात्रा में फ्यूल सैंपल लिए गए हैं, जिनका प्रयोगशाला में परीक्षण होगा. चश्मदीदों, एकमात्र बचे यात्री और क्रू की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का विश्लेषण जारी है.
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एयर इंडिया का बयान
एयर इंडिया ने X पर बयान जारी कर कहा- ‘हम AI171 दुर्घटना से प्रभावित परिवारों के साथ हैं और इस कठिन समय में पूर्ण समर्थन देने को प्रतिबद्ध हैं. हम AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट को स्वीकार करते हैं और जांच में पूर्ण सहयोग कर रहे हैं. जांच के सक्रिय स्वरूप के कारण, हम विशेष विवरण पर टिप्पणी नहीं कर सकते और AAIB से संपर्क करने की सलाह देते हैं.’
Air India stands in solidarity with the families and those affected by the AI171 accident. We continue to mourn the loss and are fully committed to providing support during this difficult time.
— Air India (@airindia) July 11, 2025
We acknowledge receipt of the preliminary report released by the Aircraft Accident…
275 लोगों की मौत, एकमात्र यात्री बचा
12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही फ्लाइट AI171 टेकऑफ के बाद मेडिकल हॉस्टल परिसर से टकरा गई. इस हादसे में 241 यात्रियों और क्रू मेंबर्स सहित 275 लोगों की मौत हो गई थी. केवल एक यात्री की जान बच गई. यह बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का पहला ऐसा हादसा था, जिसमें विमान पूरी तरह नष्ट हो गया. 26 जून को नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने स्थिति रिपोर्ट जारी की थी. इस हादसे की जांच अभी भी जारी है. तकनीकी और मेडिकल पहलुओं का विश्लेषण किया जा रहा है.
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