Ahmedabad Plane Crash: 12 जून को, एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, अहमदाबाद से लंदन गटविक जा रही फ्लाइट उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई. विमान में 242 यात्री और क्रू मेंबर सवार थे. इस हादसे में 265 लोगों की मौत हो गई है. इस हादसे को लेकर अब कई सवाल उठ रहे हैं. विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले पायलट द्वारा दी गई अंतिम मेडे कॉल, जिसमें उन्होंने कहा था- ‘थ्रस्ट नहीं मिल रहा, विमान लिफ्ट नहीं ले रहा.’ अब पायलट के कॉल ने इस हादसे के कारणों को लेकर और कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
12 जून को, एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, अहमदाबाद से लंदन गटविक जा रही फ्लाइट उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई. विमान में 242 यात्री और क्रू मेंबर सवार थे. इस हादसे में 265 लोगों की मौत हो गई है. इस हादसे को लेकर अब कई सवाल उठ रहे हैं. विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले पायलट द्वारा दी गई अंतिम मेडे कॉल, जिसमें उन्होंने कहा था- ‘थ्रस्ट नहीं मिल रहा, विमान लिफ्ट नहीं ले रहा.’ अब पायलट के कॉल ने इस हादसे के कारणों को लेकर और कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
पायलट की ‘MAY-DAY’ कॉल
उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद ही, पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को मेडे कॉल जारी की, जिसमें उन्होंने बताया कि विमान को पर्याप्त थ्रस्ट नहीं मिल रहा जिस कारण वह उचित ऊंचाई हासिल नहीं कर पा रहा है. इस कॉल के तुरंत बाद ही प्लेन का ATC से संपर्क टूट गया, और विमान हवाई अड्डे के बाहरी और रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई. यह कॉल अब जांच का केंद्र बिंदु बन गया है. जो संभावित तकनीकी खराबी की ओर इशारा करती है.
इंजन फेल, बर्ड हिट या कुछ और…?
इस हादसे से जहां देश सहित दुनिया भर में शोक पसरा है वहीं इस भीषण घटना ने कई बड़े सवाल खड़े किए हैं. फ्लाइट एक्सपर्ट की मानें तो विमान हादसे के कुछ प्रमुख कारण हो सकते हैं, जो पहले में देखे भी गए हैं.
दोनों इंजनों का फेल होना: डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के सूत्रों ने संकेत दिया कि दोनों इंजनों का एक साथ फेल होना, जो कि काफी रेयर ऑफ़ द रेयर है, जो इस हादसे का कारण हो सकता है. विमान हादसों के इतिहास में ऐसी घटनाएं गिनी-चुनी ही हैं.
बर्ड हिट: कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि एक साथ कई पक्षियों के टकराने (मल्टीपल बर्ड स्ट्राइक) से दोनों इंजनों में थ्रस्ट की कमी हो सकती है. पक्षियों के टकराने से दोनों इंजनों का एक साथ खराब होना संभव है, हालांकि यह भी असामान्य घटना ही है.
तकनीकी खराबी या गलत कॉन्फिगरेशन: एविएशन सेफ्टी कंसल्टेंट के मुताबिक, विमान का टेकऑफ कॉन्फिगरेशन गलत हो सकता है, जैसे फ्लैप सेटिंग्स में त्रुटि या ईंधन में दूषण. इसके अलावा, 600-825 फीट की ऊंचाई पर लैंडिंग गियर का नीचे रहना ये भी असामान्य है, जो किसी तकनीकी समस्या या क्रू के ध्यान भटकने का संकेत देता है.
अन्य संभावनाएं: तोड़फोड़ या ईंधन की कमी जैसी संभावनाओं को भी पूरी तरह खारिज नहीं किया जा सकता है. हालांकि अभी तक इसके कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं.
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जांच के प्रमुख सवाल
एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के दिशानिर्देशों के तहत जांच कर रहा है. जांच के प्रमुख बिंदु:
फ्लाइट डेटा और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर: फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) की रिकवरी से हादसे की घटनाओं का क्रम समझने में मदद मिलेगी.
लैंडिंग गियर का रहस्य: 600-825 फीट की ऊंचाई पर लैंडिंग गियर का नीचे रहना असामान्य है. यह क्रू के ध्यान भटकने या सिस्टम फेल्योर का संकेत हो सकता है.
इंजन और बर्ड स्ट्राइक के सबूत: जांचकर्ता इंजनों में पक्षियों के टकराने के निशान, जैसे पंख या खून, की जांच करेंगे. इसके अलावा, यांत्रिक खराबी की भी जांच होगी.
पायलट का अनुभव: कप्तान और को-पायलट के पास क्रमशः 8,200 और 1,100 घंटों का उड़ान अनुभव था, जिससे अनुभवहीनता को कारण मानने की संभावना खारिज हो जाती है.
