Vice Presidential Election 2025: भारत में उपराष्ट्रपति चुनाव हमेशा से राष्ट्रीय राजनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है. 2025 के इस चुनाव में भी NDA और INDIA गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है. हाल ही में, AIMIM (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी पार्टी किस उम्मीदवार का समर्थन करेगी.
AIMIM का समर्थन
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 6 सितंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करके ऐलान किया कि उनकी पार्टी उपराष्ट्रपति चुनाव में जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी का समर्थन करेगी. ओवैसी ने तेलंगाना सीएमओ को टैग करते हुए लिखा- ‘ तेलंगाना सीएमओ ने आज मुझसे बात की और जस्टिस सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति पद के लिए समर्थन देने का अनुरोध किया. AIMIM जस्टिस रेड्डी को समर्थन देगी, जो एक साथी हाइदराबादी और सम्मानित न्यायविद हैं. मैंने जस्टिस रेड्डी से बात की और उन्हें शुभकामनाएं दीं.’
.@TelanganaCMO spoke to me today and requested that we support Justice Sudershan Reddy as Vice President. @aimim_national will extend its support to Justice Reddy, a fellow Hyderabadi and a respected jurist. I also spoke to Justice Reddy and expressed our best wishes to him.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 6, 2025
यह फैसला तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के कार्यालय के अनुरोध के बाद लिया गया. ओवैसी ने रेड्डी को ‘फेलो हाइदराबादी’ कहकर स्थानीय जुड़ाव पर जोर दिया. AIMIM लोकसभा में ओवैसी के माध्यम से प्रतिनिधित्व करती है, इसलिए उनका एक वोट महत्वपूर्ण है, हालांकि यह चुनावी गणित को पूरी तरह बदल नहीं पाएगा. ओवैसी ने कहा कि यह समर्थन संवैधानिक मूल्यों और लोकतंत्र की रक्षा के लिए है.
धनखड़ का इस्तीफा
उपराष्ट्रपति चुनाव की आवश्यकता वर्तमान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे से उत्पन्न हुई है. धनखड़ ने 21 जुलाई को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर अपना पद छोड़ दिया. इसके बाद, नया उपराष्ट्रपति चुनने के लिए चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई. मतदान 9 सितंबर को होगा, जबकि वोटों की गिनती और परिणाम उसी शाम घोषित किए जाएंगे. यह चुनाव संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के सदस्यों द्वारा गुप्त मतदान के माध्यम से आयोजित किया जाता है. इसमें आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली और एकल संक्रमणीय मत (सिंगल ट्रांसफरेबल वोट) का उपयोग होता है. पार्टी व्हिप का कोई बंधन नहीं होता, जिससे क्रॉस-वोटिंग की संभावना बनी रहती है.
बता दें कि NDA के पास लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 133 सदस्यों का समर्थन है, कुल 426 वोट, जो बहुमत के लिए पर्याप्त माने जा रहे हैं. हालांकि, विपक्ष INDIA गठबंधन इस चुनाव को वैचारिक लड़ाई के रूप में देख रहा है.
उम्मीदवारों का परिचय
NDA ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो एक अनुभवी प्रशासक हैं. वहीं, INDIA गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को चुना है. रेड्डी आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश रहे, गौहाटी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने और 2007 में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे. वे 2011 में सेवानिवृत्त हुए. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रेड्डी को ‘गरीबों का चैंपियन’ और सामाजिक-आर्थिक मुद्दों का समर्थक बताया है.
रेड्डी का चयन 19 अगस्त को हुआ, और विपक्षी दल जैसे NCP (शरद पवार), समाजवादी पार्टी, DMK, शिवसेना (UBT), AAP और TMC ने उनका समर्थन किया है.
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राजनीतिक प्रभाव और महत्व
AIMIM का यह समर्थन INDIA गठबंधन के लिए नैतिक विजय है, खासकर तेलंगाना जैसे राज्य में जहां AIMIM की मजबूत पकड़ है. हालांकि NDA की संख्याबल श्रेष्ठता के कारण रेड्डी की जीत मुश्किल लग रही है, लेकिन ओवैसी का ऐलान विपक्ष की एकजुटता दिखाता है.
