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‘ये कमाल की यात्रा… 41 साल बाद हम अंतरिक्ष में पहुंच गए…’, शुभांशु शुक्ला ने स्पेसक्राफ्ट से भेजा पहला मैसेज

Axiom-4 Mission

एक्सिओम-4 मिशन पर रवाना हुए शुभांशु शुक्ला

Axiom-4 Mission: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने 25 जून को इतिहास रच दिया. वह Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हो गए हैं. यह मिशन स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से दोपहर 12:01 बजे (IST) लॉन्च हुआ. यह भारत की दूसरी मानव अंतरिक्ष यात्रा है. इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष की यात्रा की थी. हालांकि, ISS पर जाने वाले पहले भारतीय शुभांशु बनने वाले हैं.

Axiom-4 मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं. इसमें कमांडर के तौर पर पेगी व्हिटसन (अमेरिका), पूर्व नासा अंतरिक्ष यात्री और Axiom Space की मानव अंतरिक्ष उड़ान निदेशक हैं. इस यात्रा में पायलट के तौर पर शुभांशु शुक्ला (भारत), इसरो के अंतरिक्ष यात्री, जो लॉन्च और डॉकिंग कार्यों की निगरानी करेंगे. इसके साथ दो मिशन विशेषज्ञ के रूप में स्लावोज उज्जनस्की-विस्नियव्स्की (पोलैंड), यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के अंतरिक्ष यात्री और टिबोर कपु (हंगरी), हंगरी के HUNOR प्रोग्राम के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं. इस मिशन के तहत पहली बार भारत, पोलैंड और हंगरी ISS पर जाएगा.

भावुक हुए माता-पिता

वहीं लखनऊ में बैठ अपने बेटे को अंतरिक्ष की यात्रा पर रवाना होता देख शुभांशु के माता-पिता भावुक हो गए. शुभांशु के पिता शंभू दयाल ने कहा- ‘मेरे बेटे की उपलब्धि न केवल लखनऊ बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है. हम शुभांशु के मिशन को लॉन्च होते देखकर बहुत उत्सुक और खुश हैं. हमारा आशीर्वाद उनके साथ है और हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनका मिशन अच्छी तरह से पूरा हो. वह लखनऊ, उत्तर प्रदेश और हमारे देश का नाम रोशन कर रहे हैं. ‘

देश के नाम शुभांशु का संदेश

अंतरिक्ष की यात्रा पर रवाना होने के बाद शुभांशु शुक्ल ने देश के नाम संदेश भेजा. जिसमें उन्होंने कहा- ‘नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियों! क्या सफ़र है! हम 41 साल बाद वापस अंतरिक्ष में पहुंच गए हैं. यह एक अद्भुत सफ़र है. हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ़्तार से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं. मेरे कंधों पर मेरा तिरंगा मुझे बताता है कि मैं आप सभी के साथ हूँ. यह मेरी यात्रा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की शुरुआत नहीं है, ये भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है. मैं चाहता हूँ कि आप सभी इस सफ़र का हिस्सा बनें. आपका सीना भी गर्व से चौड़ा होना चाहिए… आइए हम सब मिलकर भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत करें. जय हिंद! जय भारत!ट

मिशन की चुनौतियां और देरी

Axiom-4 मिशन को कई बार स्थगित करना पद चूका था. 29 मई 2025 को मौसम और तकनीकी समस्याओं के कारण देरी हुई. इसके बाद ISS के Zvezda सर्विस मॉड्यूल पर दबाव हस्ताक्षर की जांच और डेटा अपलोड में समस्याएं सामने आईं. जिस कारण इसे स्थगित करना पड़ा था. 25 जून छठी घोषित तारीख थी, और अंततः यह लॉन्च सफल रहा.

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कब तक ISS पहुंचेंगे शुभांशु

Axiom-4 मिशन ने अपनी लॉन्चिंग के दौरान करीब 30 हजार किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरा. जानकारी के मुताबिक, ये Axiom-4 मिशन के 28 घंटे की यात्रा के बाद भारतीय समयानुसार गुरुवार शाम साढ़े चार बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचेगा.

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