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अग्निवीर योजना को रिव्यू कर रहीं हैं तीनों सेनाएं, बढ़ सकती है संख्या, ऑपरेशन सिंदूर में दिखाया था दम

Agniveer Yojana

सेना में अग्निवीरों की संख्या बढ़ाने पर विचार

Agniveer Yojana: भारत की तीनों सेनाएं अग्निपथ योजना की समीक्षा कर रही हैं, जिसमें अग्निवीरों की रिटेंशन संख्या बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है. हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में अग्निवीरों के शानदार प्रदर्शन ने इस योजना की सफलता को रेखांकित किया है. तकनीकी रूप से प्रशिक्षित युवा सैनिकों ने आतंकी हमले का मुंहतोड़ जवाब देकर अपनी क्षमता साबित की.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत की तीनों सेनाएं- थल सेना, नौ सेना और वायु सेना, अग्निपथ योजना की समीक्षा कर रही हैं. इस समीक्षा का उद्देश्य तकनीकी रूप से प्रशिक्षित और युवा सैनिकों की संख्या को बढ़ाना है, ताकि सेनाओं की औसत आयु कम रखी जा सके और एक यंग, आधुनिक सेना का निर्माण हो.

अग्निवीरों की भूमिका

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर (7 से 10 मई 2025) में लगभग 3,000 अग्निवीरों ने हिस्सा लिया. इन युवा सैनिकों, जिनकी औसत आयु 20 वर्ष है, ने नियमित सैनिकों के बराबर प्रदर्शन किया. उन्होंने एयर डिफेंस सिस्टम ‘’आकाशतीर’ को संचालित करने, मिसाइलों और ड्रोनों को नाकाम करने, और विभिन्न हथियार प्रणालियों जैसे एल-70, जेडयू-23-2बी, पेचोरा, ओएसए-एके, और तुंगुस्का को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. ऑपरेशन के दौरान अग्निवीरों ने गनर, रेडियो ऑपरेटर, फायर कंट्रोल ऑपरेटर और भारी वाहनों के चालक के रूप में कार्य किया.

रिटेंशन की संख्या बढ़ाने पर विचार

वर्तमान में अग्निपथ योजना के तहत चार साल की सेवा के बाद केवल 25% अग्निवीरों को स्थायी रूप से सेना में रखा जाता है. हालांकि, ऑपरेशन सिंदूर में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए, सेनाएं इस रिटेंशन प्रतिशत को बढ़ाने पर विचार कर रही हैं. सूत्रों के मुताबिक, इन्फेंट्री और अन्य युद्धक शाखाओं के लिए 70-75% रिटेंशन पर चर्चा, एयर डिफेंस, सिग्नल्स, और इंजीनियर्स जैसे तकनीकी क्षेत्रों में 80% तक रिटेंशन, स्पेशल फोर्सेस के लिए 100% रिटेंशन की संभावना है. इसके साथ ही, सेनाएं यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि रिटेंशन बढ़ाने से अग्निवीरों की औसत आयु में अधिक वृद्धि न हो.

सेनाओं और सैन्य मामलों के विभाग (DMA) के बीच रिटेंशन और अन्य बदलावों पर चर्चा चल रही है. अग्निवीरों का पहला बैच 2026 के अंत तक अपनी सेवा पूरी करेगा, और तब तक योजना में संभावित बदलावों को अंतिम रूप दिया जा सकता है. आर्मी कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में इस पर विस्तृत विचार-विमर्श होगा, जिसके बाद अंतिम प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा.

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बता दें कि अग्निपथ योजना को जून 2022 में शुरू किया गया था, जिसके तहत 17.5 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाता है. जुलाई 2024 तक, लगभग 1 लाख अग्निवीरों को भर्ती किया जा चुका है. चार साल की सेवा के बाद, 25% अग्निवीरों को उनकी योग्यता और संगठन की जरूरतों के आधार पर स्थायी कैडर में शामिल किया जाता है, जबकि शेष को सेवा निधि पैकेज (11.71 लाख रुपये) दिया जाता है. गैर-चयनित अग्निवीरों को CAPF, असम राइफल्स, और राज्य पुलिस बलों में प्राथमिकता दी जाती है.

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