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‘पाकिस्तान ने न्यूक्लियर कहां छिपाया है?’, जानिए भविष्य बताने वाले सवाल पर बाबा बागेश्वर ने क्या कहा

Pandit Dhirendra Shastri(File Photo)

पंडित धीरेंद्र शास्त्री(File Photo)

Dhirendra Shastri on Pakistan: बाबा बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पं धीरेंद्र शास्त्री अपने दरबार में अक्सर बिना पूछे ही लोगों के बारे में बता देते हैं. इस कारण कुछ लोग उनकी तारीफ करते हैं तो वहीं कुछ लोग उनकी भविष्यवाणी बताने पर सवाल उठाते हैं. लेकिन अब पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने पाकिस्तान को लेकर बड़ी बात कह दी है. उन्होंने पाकिस्तान के बारे में एक ऐसी जानकारी बताने की संभावना जताई है, जो भारत ही नहीं दुनिया को भी अचरज में डाल सकती है.

‘पाकिस्तान ने न्यूक्लियर कहां छिपाया है?’

हाल ही में पंडित धीरेंद्र शास्त्री इंडिया टीवी के शो में आए थे. यहां उनसे भविष्य बताने वाली विद्या के बारे में सवाल किया गया. इस पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ‘हमने कभी घोषणा नहीं कि हम भगवान के अवतार हैं. हम भविष्य नहीं बताते हैं. ब्रह्म के अलावा कोई भी सत्य नहीं बता सकता है. हमारी ज्योतिष परंपरा के अनुसार हम चीजों को बताते हैं. हम भविष्य नहीं बताते भविष्य सुधारते हैं.’

पं. धीरेंद्र शास्त्री से जब पूछा गया कि अगर वो कोई भी जानकारी दे सकते हैं तो ये क्यों नहीं बता देते हैं कि पाकिस्तान ने न्यूक्लियर बम कहां पर छिपाया है. इस पर उन्होंने जवाब दिया, ‘भगवान से प्रार्थना करेंगे कि ये भी अर्जी लग जाए. अगर ऐसा हुआ तो ये भी पता चल जाएगा.’

‘असीम मुनीर के बारे में पता चलेगा तो बताएंगे’

एक अन्य सवाल के जवाब में बाबा बागेश्वर धाम ने कहा, ‘अगर कोई असीम मुनीर की पर्ची खुलवाए हमको जो भी पता चलेगा जरूर बताएंगे. दावा ठोंककर बताएंगे और बेझिझक बताएंगे और खुलकर बताएंगे.’

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मैं भगवान नहीं हूं, ना ही मैंने कभी कोई अवतार होने का दावा किया है. लेकिन जो भी संकेत मिलता है, मैं बता देता हूं.

‘मुझे जो संकेत मिलता है, मैं वही बताता हूं’

भविष्य बताने वाले सवाल पर आगे उन्होंने कहा, ‘ये दरबार की परंपरा है. ये दरबार की विधा है. जब गद्दी पर बैठते हैं तो हमको संकेत मिलते हैं. कोई 24 घंटे भविष्य नहीं देख सकता है. ये ज्योतिष विद्या है. गृह-नक्षत्र से जो प्रेरणा मिलती है हम बता देते हैं. विधाता के लिखे को कोई नहीं मिटा सकता है. कृष्ण को पता था कि अभिमन्यु मारा जाएगा, लेकिन कृष्ण ने नहीं रोका. राम को पता था कि 14 साल के वनवास के लिए जाएंगे तो पिता जी की मृत्यु हो जाएगी लेकिन वो फिर भी गए. जो विधि का लिखा मिटा देगा वो तो विधाता हो जाएगा.’

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