Badaut Groom Returns 21 Lakh Dowry: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में हुई एक सगाई समारोह की काफी चर्चा हो रही है. इस सगाई ने समाज में एक बड़ा संदेश दिया है. वाजिदपुर के द ग्रांड पैलेस रिसोर्ट में रक्षित राणा और दिव्या की सगाई हुई, जहां दूल्हे पक्ष को 21 लाख रुपये का चेक दिया गया लेकिन दूल्हे ने चेक वापस कर दिया. कहा, “आप हमें बेटी दे रहे हैं, इससे बड़ा सम्मान क्या हो सकता है?” इस दौरान दूल्हे ने लड़की पक्ष से 1 रुपए देने की मांग की. जब इस पल का वीडियो सोशल मीडिया पर आया तो लोगों ने दूल्हे पक्ष की काफी तारीफ की.
उत्तर प्रदेश के बागपत में रक्षित राणा और दिव्या की सगाई में दहेज के खिलाफ अनोखी मिसाल पेश हुई. रक्षित ने दिव्या के पिता द्वारा दिए गए 21 लाख रुपये के चेक को ससम्मान लौटा दिया. रक्षिक की ओर से साफ संदेश दिया कि दहेज सामाजिक अभिशाप है और इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा. उनका कहना है कि… pic.twitter.com/4VQ8PQlTpg
— Vistaar News (@VistaarNews) November 29, 2025
देश में दहेज लेने और देने दोनों को गैर कानूनी माना गया है, लेकिन आज भी कई लोग ऐसे हैं जो बिना दान-दहेज के शादी ही नहीं करते. अगर किसी कारणवश बिना दहेज के शादी कर भी लेते हैं तो लड़की को प्रताड़ित करना शुरू कर देते हैं, इसके साथ ही लड़की पक्ष को हमेशा नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं. उसी समाज में आज भी कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दहेज को अभिशाप मानकर उससे दूरी बनाकर रखते हैं. ऐसा ही मामला बागपत का है, जहां दूल्हे ने केवल 1 रुपये लेकर शादी करने का वादा किया है.
दहेज एक अभिशाप: दूल्हा
दूल्हे रक्षित ने दहेज को लेकर कहा, “दहेज एक अभिशाप है, मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता.” इस पर उनके परिवार ने भी बखूबी साथ निभाया और चेक को वापस कर दिया. दूल्हे पक्ष का यह निर्णय सुनकर वहां पर बैठे दोनों पक्षों के लोगों ने काफी सराहना की और कहा कि लोगों को इनसे सीखना चाहिए.
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दहेज प्रथा को हक समझने वालों के लिए आईना
बता दें, दूल्हा रक्षित पेशे से फाइनेंस एक्सपर्ट हैं, जो मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं. उन्होंने समाज को बदलने के लिए दहेज न लेने की शुरुआत खुद से करने की ठान रखी थी और उन्होंने ऐसा किया भी. रक्षित के घरवालों ने कहा कि इज्जत और संस्कार दहेज से बड़े होते हैं, आपने हमें बेटी दे दी है, यही बहुत है. इस कदम ने समाज को एक बड़ा संदेश दिया है. इसके साथ ही उन सभी के लिए एक आईना दिखाया है, जो दहेज प्रथा को अपना हक समझते हैं.
