Bagpat Violence: एक सलाम… दो सलाम…दस सलाम और फिर शुरू हो गई खून-खराबे की कहानी. उत्तर प्रदेश के बागपत कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ले में शुक्रवार शाम वो हुआ, जो किसी ने सोचा भी नहीं था. पड़ोसी फिरोज का ‘सलाम का शौक’ इतना भारी पड़ गया कि पूरा इलाका लाठी-डंडों की गूंज से थर्रा उठा.
चौखट पर खड़ी थी भाभी
बागपत में अपने घर की दहलीज पर खड़ी नूर मोहम्मद की भाभी अपने रोजमर्रा के काम निपटा रही थीं. तभी पड़ोस में रहने वाला फिरोज वहां से निकला. उसने मुस्कुराते हुए कहा, “अस्सलाम वालेकुम.” महिला ने सिर हिलाकर इग्नोर किया. लेकिन फिरोज रुका नहीं. वापस आया, फिर सलाम. फिर लौटा, फिर सलाम. एक… दो नहीं दस बार सलाम. इतने में महिला का सब्र टूटा. बोलीं, “भाई, बार-बार क्या सलाम ठोक रहे हो? काम धंधा नहीं है?”
लाठी से फिरोज ने किया महिला पर वार
बस, यही वो चिंगारी थी जिसने बारूद को हवा दे दी. सलाम से गाली, गाली से लाठी-डंडे चलने लगे. फिरोज के चेहरे पर मुस्कान गायब. महिला ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया. देखते ही देखते दोनों तरफ से लोग जमा हो गए. इतने में फिरोज का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. उसने घर से लाठी निकाली और महिला के परिवार पर टूट पड़ा.
फिरोज ने पहला वार महिला के सिर पर किया. देखते ही देखते खून की धार बह निकली. दूसरा वार छोटी बेटी के हाथ पर किया. बच्ची चीखी, लेकिन फिरोज नहीं रुका. तीसरा-चौथा वार दो रिश्तेदारों पर किया गया. कुछ ही मिनटों में सड़क पर खून के छींटे. महिलाओं की चीखें. बच्चों का रोना. मोहल्ला रणक्षेत्र बन गया.
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‘थाने का मुखबिर’ है फिरोज?
घायल महिला के देवर नूर मोहम्मद ने बताया, “ये फिरोज थाने का मुखबिर है. इसी दबंगई के बल पर इलाके में आतंक मचाता है. भाभी को देखकर बार-बार सलाम करता था. आज हद हो गई.” नूर मोहम्मद ने आगे कहा, “जब भाभी ने रोका, तो लाठी लेकर टूट पड़ा. मेरी भाभी, उनकी 10 साल की बेटी, एक रिश्तेदार और मैं चारों घायल हैं.” सबको जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अब मामले की जांच बागपत पुलिस कर रही है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, फिरोज के खिलाफ IPC की धारा 323 (मारपीट), 325 (गंभीर चोट), 506 (धमकी) और SC/ST एक्ट के तहत केस दर्ज किया जा रहा है. घटना के बाद मोहल्ले में खौफ का माहौल है.
