Taslima Nasrin on Hindu Mob Lynching: बांग्लादेश के मयमनसिंह (Mymensingh) जिले में 25 साल के हिंदू मजदूर दीपू चंद्र दास (Dipu Chandra Das) को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला. हिंदू युवक पर ईश निंदा का आरोप लगाकर उसकी हत्या की गई. इसके बाद शव को आग के हवाले कर दिया गया. वहीं बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने हिंदू युवक की मॉब लिंचिंग को लेकर बांग्लादेशी पुलिस पर गंभीर सवाल उठाए हैं.
‘क्या पुलिस ने कट्टरवादी भावना के कारण भीड़ के हवाले किया’
निर्वासित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा कि दीपू पूरी तरह से निर्दोष था और उस पर लगाए गए आरोप झूठे थे. उन्होंने यह भी दावा किया कि यह घटना पुलिस संरक्षण के दौरान हुई, जिससे पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं. नसरीन ने यह पूछने की जरूरत जताई कि क्या पुलिस ने कट्टरवादी भावना के चलते दीपू को फिर से भीड़ के हवाले कर दिया या उग्रवादियों ने पुलिस को धक्का देकर उसको कब्जे से ले लिया. उन्होंने कहा कि भीड़ ने दीपू को जिहादी उत्सव (jihadist festival) की तरह पीटा, फांसी दी और जलाया.
Taslima Nasreen on Hindu man lynched to death by Islamist mobsters in Bangladesh. https://t.co/b70GyiHU1D
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) December 19, 2025
बांग्लादेश की सामाजिक व्यवस्था पर सवाल उठाए
तस्लीमा नसरीन ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने दीपू के मुस्लिम सहकर्मी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि क्या पुलिस के कुछ लोग कट्टर सोच के समर्थक हैं, जिन्होंने दीपू को बचाने के बजाय भीड़ के हाथों सौंप दिया. इस तरह के आरोपों ने बांग्लादेश की पुलिस व्यवस्था और सामाजिक सहिष्णुता (social tolerance) पर चिंताएं और बढ़ा दी हैं.
मामले में अब तक 7 लोग गिरफ्तार
हिंदू युवक की मॉब लिंचिंग के बाद दबाव के बीच बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों का यह कदम घटना के बाद बढ़ते दबाव के बीच उठाया गया है. सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या आरोपियों के गिरफ्तारी के बाद हत्या के मामले में न्याय मिलेगा या फिर ये सिर्फि खानापूर्ति की जा रही है.
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