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अफवाह, अफरा-तफरी, लाठीचार्ज और भगदड़…बेंगलुरु हादसे की ये है कहानी

Bengaluru Stampede

बेंगलुरु हादसा

Bengaluru Stampede: बेंगलुरु का चिन्नास्वामी स्टेडियम, जहां रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की IPL जीत ने हर दिल में उत्साह की लहर दौड़ा दी थी. सड़कों पर लाल-पीले रंगों में रंगे प्रशंसक, ढोल-नगाड़ों की थाप, और RCB! RCB! के नारे. मंजर ऐसा था मानो पूरा शहर जश्न के रंग में डूबा हो. लेकिन ये खुशी का आलम पलक झपकते ही मातम में बदल गया. एक अफवाह, एक गलत कदम, और बेकाबू भीड़ ने बेंगलुरु को हिला दिया. इस हादसे में 11 लोगों की मौत हुई है वहीं, 50 से ज्यादा लोग घायल हैं. आइए, इस हादसे की पूरी कहानी को विस्तार से जानते हैं.

शाम का वक्त, चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर प्रशंसकों का सैलाब. RCB ने IPL का खिताब जीत लिया था, और बेंगलुरु की सड़कों पर उत्साह चरम पर था. लेकिन तभी गेट नंबर 7 के पास एक अफवाह ने आग में घी का काम किया. लोगों में खबर फैली कि यहां मुफ्त टिकट बांटे जा रहे हैं! बस, फिर क्या था? हजारों लोग एक साथ उस गेट की ओर दौड़ पड़े. देखते ही देखते वहां भगदड़ मच गई. लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे, धक्का-मुक्की शुरू हो गई और खुशी का माहौल मातम बदल गया.

गेट नंबर 7 हादसे का केंद्र

चिन्नास्वामी स्टेडियम में कुल 13 गेट और 21 स्टैंड हैं. गेट नंबर 9 और 10 को KSCA सदस्यों के लिए रखा गया था, लेकिन गेट नंबर 7, 12, 13 और 14 पर सबसे ज्यादा भीड़ थी. खासकर गेट नंबर 7, जो स्टेडियम के मुख्य प्रवेश द्वार से ठीक उलटी दिशा में है. भीड़ इतनी बेकाबू हो गई कि लोग अनिल कुंबले सर्कल और रिचमंड सर्कल की ओर भागने लगे. कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक कांच का पैनल टूट गया, जिससे कई लोगों को चोटें आईं.

बारिश ने बिगाड़ा खेल

शाम करीब 5:30 बजे अचानक बारिश शुरू हो गई, जिसने हालात को और बदतर कर दिया. सड़कें गीली हो गईं, लोग फिसलने लगे, और भीड़ को काबू करना पुलिस के लिए और मुश्किल हो गया. अपने दोस्तों के साथ स्टेडियम आई 25 साल की सिंचना ने बताया, “जैसे ही गेट थोड़ा सा खुला, लोग बेकाबू हो गए. मैं अनिल कुंबले सर्कल के पास थी, इसलिए सबसे खराब स्थिति से बच गई, लेकिन वहां का मंजर डरावना था.”

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पुलिस की लाचारी

पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने की पूरी कोशिश की, लेकिन इतने बड़े जनसैलाब के सामने वे भी बेबस नजर आए. सड़कों पर जाम की वजह से एम्बुलेंस तक नहीं पहुंच पा रही थी. आखिरकार, शाम 6:30 बजे पुलिस को क्यूबन पार्क सर्कल और टॉनिक बार के पास लाठीचार्ज करना पड़ा ताकि भीड़ को तितर-बितर किया जा सके. राजाजीनगर के अचिमन्या ने कहा, “पुलिस हमें क्यूबन पार्क की ओर भेज रही थी, लेकिन कोई साफ दिशा-निर्देश नहीं थे. लोग बस भाग रहे थे.”

प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी

इस हादसे में बाल-बाल बचे 31 साल के अविनाश ने बताया, “मैंने एक एम्बुलेंस में 40 घायल लोगों को देखा. मैं खुशकिस्मत था कि समय पर बाहर निकल गया.” जेपी नगर के नवीन ने शिकायत की कि अगर सरकार और पुलिस ने पहले से बेहतर योजना बनाई होती, तो यह हादसा टाला जा सकता था. उनका कहना था, “विजय जुलूस की इजाजत में देरी और खराब प्रबंधन ने स्थिति को बेकाबू कर दिया.”

क्या थी कमी?

अफवाह का असर: मुफ्त टिकट की खबर ने भीड़ को बेकाबू किया.
खराब योजना: इतनी बड़ी भीड़ के लिए कोई ठोस इंतजाम नहीं था.
पुलिस का कॉर्डिनेशन: पुलिस और प्रशासन के बीच तालमेल की कमी साफ दिखी.
बारिश का कहर: अचानक बारिश ने स्थिति को और जटिल बना दिया.

RCB की जीत का जश्न बेंगलुरु के लिए यादगार बन सकता था, लेकिन खराब प्रबंधन ने इसे एक दुखद हादसे में बदल दिया. कई लोग घायल हुए, कुछ की हालत गंभीर बताई गई.

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