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क्लासरूम घोटाले में बड़ी कार्रवाई, सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ दर्ज हुआ मामला, 2,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप

Classroom Scam

मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ FIR दर्ज हुआ है

Classroom Scam: आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. AAP नेता मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ FIR दर्ज हुआ है. दोनों पर दिल्ली पुलिस की एंटी करप्शन ब्यूरो ने क्लारूम के निर्माण में कथित भ्रष्टाचार को लेकर FIR दर्ज किया है. अधिकारियों ने बताया कि आम आदमी पार्टी सरकार के कार्यकाल के दौरान 12,748 क्लासरूम या बिल्डिंग के निर्माण से जुड़ा घोटाला 2,000 करोड़ रुपये का है.

राष्ट्रपति जांच को मिली थी मंजूरी

भ्रष्टाचार निरोधक शाखा यानी ACB ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ कक्षाओं के निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर FIR दर्ज की है. केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने 17 फरवरी 2020 को अपनी रिपोर्ट में कक्षाओं के निर्माण में ‘स्पष्ट अनियमितताएं’ पाई थीं. इसके बाद 2022 में दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग ने अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपी थी. हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A के तहत इस मामले में औपचारिक जांच शुरू करने की अनुमति दी थी.

ACB के चीफ मधुर वर्मा ने एफआईआर दर्ज होने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा- ‘सीवीसी के चीफ टेक्निल एग्जामिनर की रिपोर्ट में प्रोजेक्ट में कई विसंगतियां बताई गई थीं और रिपोर्ट को लगभग तीन साल तक दबाए रखा गया. सक्षम प्राधिकारी से धारा 17-ए पीओसी अधिनियम के तहत इजाजत मिलने के बाद मामला दर्ज किया गया.’

बीजेपी सांसद ने दर्ज कराई थी शिकायत

अधिकारियों ने बताया कि कथित तौर पर यह प्रोजेक्ट AAP से जुड़े कुछ ठेकेदारों को दिया गया था. इसमें लागत में बढ़ोतरी देखी गई और तय समय सीमा के अंदर काम पूरा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के लिए एडवाइजर और आर्किटेकट को सही प्रोसेस का पालन किए बैगर ही नियुक्त कर लिया गया.

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बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने 2019 में जोन 23, 24 और 28 के सरकारी स्कूलों में एडिशनल क्लासरूम के निर्माण में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. अपनी शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार ने एक क्लासरूम 28 लाख रुपये खर्च किए, जबकि एक क्लास को बनाने में महज पांच लाख रुपये लगते हैं.

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