Bihar Election 2025: बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो चुकी है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने इस बार 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में 225 से अधिक सीटें जीतने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए एनडीए पूरी ताकत झोंक रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व और पीएम मोदी की सक्रिय भागीदारी अहम भूमिका निभा रही है. पिछले एक साल में बिहार को केंद्र सरकार की ओर से कई बड़ी सौगातें मिली हैं, जो एनडीए की चुनावी रणनीति का आधार बन रही हैं. आइए, एनडीए की तैयारियों, पीएम मोदी के दौरों और बिहार के विकास कार्यों पर एक नजर डालते हैं.
NDA की चुनावी रणनीति
एनडीए ने स्पष्ट कर दिया है कि 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा था, “बिहार में एनडीए नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम कर रहा है और आगे भी उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगा.” एनडीए ने अपनी रणनीति को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं.
सीट बंटवारे की रणनीति
इस बार विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी 100 सीटों पर, जबकि जेडीयू 90-95 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. शेष सीटें गठबंधन के अन्य सहयोगियों- लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के बीच बंटेंगी. सीट बंटवारे का फैसला बीजेपी की ओर से किए जा रहे सर्वे के आधार पर होगा, ताकि हर सीट पर सबसे मजबूत उम्मीदवार उतारा जाए.
एनडीए ने जनवरी 2025 से बिहार के विभिन्न जिलों में संयुक्त कार्यकर्ता सम्मेलनों की शुरुआत की है. बगहा और बेतिया में हुए पहले सम्मेलन में बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी (रामविलास), हम और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता एक मंच पर दिखे. एनडीए अपनी चुनावी रणनीति में बिहार में पिछले वर्षों के विकास कार्यों को प्रमुखता दे रहा है. नीतीश कुमार की सामाजिक कल्याण योजनाओं, जैसे कि महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूह और अति पिछड़ा वर्ग (EBC) के लिए साइकिल वितरण को गठबंधन के पक्ष में माहौल बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
पिछले एक साल में बिहार को क्या-क्या मिला?
पिछले एक साल में केंद्र सरकार ने बिहार के विकास के लिए कई बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी और लागू किया. ये परियोजनाएं न केवल बिहार की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही हैं, बल्कि एनडीए की चुनावी तैयारियों का भी आधार बन रही हैं.
कृषि और किसान कल्याण
बिहार के 86 लाख किसानों को 18,000 करोड़ रुपये सीधे उनके बैंक खातों में हस्तांतरित किए गए. यह राशि किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने और उनकी आय बढ़ाने के लिए दी गई.
मखाना बोर्ड की स्थापना: केंद्रीय बजट 2024-25 में बिहार के लिए मखाना बोर्ड की घोषणा की गई, जो मखाना उत्पादकों को बेहतर बाजार और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा.
आयुष्मान भारत योजना: बिहार के 75 लाख लोगों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिला, जिसके तहत मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की जा रही है.
नल से जल योजना: 1.60 करोड़ घरों में नल से स्वच्छ पेयजल का कनेक्शन उपलब्ध कराया गया.
शौचालय निर्माण: 1.30 करोड़ माताओं के लिए घरों में शौचालय बनाए गए, जिससे स्वच्छता और महिलाओं की गरिमा को बढ़ावा मिला.
पटना और बिहटा हवाई अड्डे: 1,200 करोड़ रुपये की लागत से पटना के जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नए यात्री टर्मिनल का निर्माण और 1,410 करोड़ रुपये की लागत से बिहटा हवाई अड्डे पर नए सिविल एन्क्लेव का निर्माण.
पावर प्लांट और एक्सप्रेसवे: 1,500 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए पावर प्लांट और नए एक्सप्रेसवे की परियोजनाएं शुरू की गईं.
वेस्टर्न कोशी कैनाल: इस परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई, जो बिहार में सिंचाई और जल प्रबंधन को बेहतर बनाएगी.
केंद्र की विशेष आर्थिक सहायता: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में बिहार के लिए विशेष प्रावधान किए, जिसमें बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास के लिए कई परियोजनाएं शामिल हैं.
बिहार को 15.68 लाख करोड़ की होगी आवश्यकता
पिछले दिनों बिहार ने अपने विजन डाक्यूमेंट में पांच, दस व 22 वर्षों के तीन चरणों में लक्ष्यों का निर्धारण किया है. पूर्वोदय योजना के अंतर्गत 2030 के लिए अल्पकालीन, 2035 के लिए मध्यकालीन व 2047 के लिए दीर्घकालीन लक्ष्य निर्धारित है.इस उद्देश्य से अगले 10 वर्षों के लिए बिहार को 15.68 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी. खास बात यह है कि केंद्र ने भी मदद का हाथ आगे बढ़ाया है.
पीएम मोदी के दौरे
पीएम मोदी बिहार के दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार की शाम साढ़े पांच बजे पटना एयरपोर्ट पहुंचेंगे. पटना एयरपोर्ट परिसर में ही प्रधानमंत्री नये टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे. साथ ही बिहटा एयरपोर्ट के यात्री टर्मिनल भवन का शिलान्यास करेंगे. अपने दो दिवसीय दौरे पर प्रधानमंत्री बिहार को 50 हजार करोड़ से अधिक की 16 योजनाओं की सौगात देंगे. उद्घाटन-शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उनके साथ रहेंगे. इससे पहले भी पिछले 1 साल में पीएम मोदी कई बार बिहार दौरे पर जा चुके हैं.
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एनडीए की ताकत और चुनौतियां
एनडीए की ताकत उसकी एकजुटता और नीतीश कुमार की सामाजिक कल्याण योजनाओं में निहित है. बीजेपी ने हाल के दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में मिली जीत का हवाला देकर बिहार में भी जीत का दावा किया है. केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, “दिल्ली तो झांकी है, बिहार अभी बाकी है.” हालांकि, एनडीए को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के नेतृत्व वाला इंडिया गठबंधन बिहार में एनडीए के खिलाफ मजबूत विपक्ष के रूप में उभर रहा है. आरजेडी ने दावा किया है कि वह 2025 में सत्ता में वापसी करेगा. राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की नई पार्टी जन सुराज सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, जो एनडीए और विपक्ष दोनों के लिए चुनौती बन सकती है. चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) ने 40-60 सीटों की मांग की है. ज्यादा सीटों की चाहत ने गठबंधन में कुछ तनाव पैदा किया है, हालांकि चिराग ने नीतीश कुमार के नेतृत्व को समर्थन देने की बात कही है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए नीतीश कुमार और पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मजबूती से उतर रहा है. पिछले एक साल में बिहार को मिली विकास परियोजनाएं, जैसे कि हवाई अड्डों का निर्माण, बिजली उत्पादन, और सामाजिक कल्याण योजनाएं, एनडीए की चुनावी रणनीति का आधार बन रही हैं. पीएम मोदी के बार-बार बिहार दौरे और रोड शो गठबंधन के कार्यकर्ताओं में जोश भर रहे हैं. हालांकि, विपक्ष और नई पार्टियों की चुनौतियों के बीच एनडीए को अपनी एकता और विकास के एजेंडे को जनता तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़नी होगी.
