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बिहार चुनाव में क्यों हुई रिकॉर्ड वोटिंग? प्रशांत किशोर ने बताई 2 बड़ी वजहें!

Prashant Kishor addressing media on record voter turnout in Bihar elections

प्रशांत किशोर(File Photo)

Prashant Kishor News: बिहार विधानसभा चुनाव की पहले फेज की वोटिंग 6 नवंबर को हो चुकी है. पहले चरण में रिकॉर्ड वोटिंग हुई. हर तरफ इस बात पर चर्चा हो रही है कि कई सालों बात विधानसभा चुनाव में इस तरह वोटिंग देखी गई है. वहीं जन सुराज पार्टी के मुखिया ने चुनाव में रिकॉर्ड वोटिंग को लेकर दो बड़ी वजह बताई हैं. प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि आजादी के बाद से हुए चुनावों में बिहार में अभी तक का सबसे ज्यादा मतदान प्रतिशत है.

बदलाव और प्रवासी मजदूर हैं बड़े कारण

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में बड़ी वोटिंग के लिए 2 सबसे बड़े कारण हैं. जिनमें लोगों के मन में सत्ता का परिवर्तन और प्रवासी मजदूरों का मुद्दा शामिल है. पीके ने कहा, ’14 नवंबर को इतिहास लिखा जाएगा. बड़े-बड़े सियासी पंडित ये नहीं बता पा रहे थे कि बिहार की जनता सत्ता परिवर्तन चाहती है. ये आकलन लोग कर रहे हैं कि 2 करोड़ 10 लाख से ज्यादा लोगों ने वोटिंग किया है. बड़े-बड़े लोग कुछ लोगों से फोन पर बात करके हवा बता रहे हैं. लेकिन किसी को कुछ नहीं बता है. हम लोग जो देख रहे हैं. से सिर्फ 14 नवंबर को पता चलेगा कि 2 करोड़ से ज्यादा लोगों ने किसको वोट दिया है. उससे पता चलता है कि लोग परिवर्तन चाहते हैं. प्रवासी मजदूर जो बाहर काम करने जाते हैं. उन्होंने एग्रेसिव होकर वोट किया है और पूरी तरह से प्रवासी मजदूर बदलाव चाहते हैं.’

‘बिहार में आजादी के बाद इस बार ज्यादा वोटिंग’

प्रशांत किशोर ने एक और बड़ा दावा किया है. उन्होंने बताया कि आजादी के बाद बिहार में अब तक हुए चुनावों में इस बार सबसे ज्यादा वोटिंग हुई है. पिछले 25-30 सालों में बिहार में उदासीनता रही है. ऐसे में इस बाद जनता ने वोटिंग में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है. इससे पता चलता है कि जनता इस बार बदलाव चाहती है.

‘जन सुराज के आने से जनता को विकल्प मिला’

प्रशांत किशोर ने कहा, ‘मैं पिछले एक-दो सालों से कह रहा हूं कि बिहार में 60 प्रतिशत से ज्यादा जनता बदलाव चाहती है. बिहार में लोगों के पास विकल्प नहीं था, लेकिन जन सुराज के आने से लोगों को विकल्प मिल गया है. जनता ने इस बार बदलाव के लिए वोटिंग की है. प्रवासी मजदूर, जो छठ के लिए रुके थे, उन्होंने अपने सभी जानने वालों से वोट करवाया है. जो ये सोच रहे थे कि महिलाओं को 10 हजार रुपये देने से वोट मिल जाएगा. लेकिन वो भूल गए कि प्रवासी मजदूर इस चुनाव में एक्स फैक्टर है.’

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