Vistaar NEWS

धमेंद्र प्रधान से लेकर बैजयंत पांडा तक… बिहार-बंगाल और तमिलनाडु में चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति के पीछे क्या है BJP की प्लानिंग?

Dharmendra Pradhan, Bhupendra Yadav, Baijayant Panda (File Photo)

धर्मेंद्र प्रधान, भूपेंद्र यादव, बैजयंत पांडा(File Photo)

BJP election incharge: भारतीय जनता पार्टी किसी भी चुनाव में पूरी प्लानिंग के साथ ही मैदान में उतरती है. यही कारण है कि बिहार के साथ ही बंगाल और तमिलनाडु के आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बीजेपी अपने चुनाव प्रभारियों के नामों की घोषणा कर चुकी है.

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को बिहार, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को पश्चिम बंगाल और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा को तमिलनाडु का प्रभारी नियुक्त किया है. तीनों नेताओं इन राज्यों का प्रभारी नियुक्त करने के पीछे आखिर भाजपा की रणनीति क्या है?

ओडिशा और हरियाणा में बेहतरीन प्रदर्शन कर चुके हैं प्रधान

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को भाजपा ने बिहार का प्रभारी बनाया है. वर्तमान में बिहार में एनडीए की सरकार है और बिहार में पार्टी कोई भी कसर छोड़ना नहीं चाहती है. धर्मेंद्र प्रधान को कुशल रणनीतिकार के तौर पर जाना जाता है. इसके पहले ओडिशा में उन्होंने चुनाव में जीत हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसके अलावा हरियाणा में भी उन्होंने एंटी एनकंबेंसी होने के बावजूद पार्टी को दोबारा सत्ता दिलाई थी.

इसके साथ ही बिहार के लिए दो सह प्रभारी बनाए गए हैं. इनमें केंद्रीय मंत्री और गुजरात के सीनियर लीडर सीआर पाटिल और उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य शामिल हैं. पाटिल को जहां पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह का करीबी माना जाता है. वहीं मौर्या यूपी में ओबीसी वर्ग में बड़े चेहरे के रूप में जाने जाते हैं. ऐसे में भाजपा बिहार में भी ओबीसी मतदाताओं के समर्थन को मजबूत करना चाहती है.

भूपेंद्र यादव ने बिहार में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. भूपेंद्र यादव भाजपा में कुशल रणनीतिकार हैं. ऐसे में भाजपा ने उन्हेें पश्चिम बंगाल की जिम्मेदारी दी है. यादव के साथ ही त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब को बंगाल का सह प्रभारी बनाया गया. बिप्लब कुमार देब ने हरियाणा चुनाव में भी सह प्रभारी की जिम्मेदारी संभाली थी और पार्टी को जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. दोनों ही नेताओं पर पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में संगठन को मजबूत करके सफलता दिलाने की जिम्मेदारी दी गई है.

बैजयंत पांडा यूपी जैसे राज्य के प्रभारी रह चुके हैं

पिछले कुछ सालों से भारतीय जनता पार्टी दक्षिण के राज्यों में लगातार अपनी पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रही है. यही कारण है कि तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने तैयारी शुरु कर दी. तमिलनाडु चुनाव के लिए पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा को प्रभारी बनाया गया है. पांडा इससे पहले दिल्ली, असम के साथ ही उत्तर प्रदेश जैसे राज्य की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. ऐसे में एक बार फिर से उनके ऊपर दक्षिण के राज्य में पार्टी को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई है. पांडा के अलावा मुरलीधर मोहोल को तमिलनाडु का सह प्रभारी बनाया गया है. मुरलीधर मोहोल महाराष्ट्र के पुणे से हैं. मोहोल पार्टी के उभरते हुए चेहरे हैं और पुणे के मेयर के रूप में काम कर चुके हैं.

बाहरी नेताओं को जिम्मेदारी क्यों?

ये पहली बार नहीं है जब भाजपा विधानसभा चुनावों में दूसरे राज्यों को प्रभारी बना रही है. बाहरी नेताओं को चुनाव प्रभारी बनाना भाजपा की रणनीति का हिस्सा है. इसके जरिए पार्टी के कई उद्देश्य होते हैं. एक तो बाहरी नेता नए दृष्टिकोण से रणनीति बनाता है, जिससे पार्टी को मदद मिलती है. इसके साथ ही बाहरी नेता के आने से पार्टी के अंदर पहले से चल रही गुटबाजी पर भी नियंत्रण होता है.

ये भी पढ़ें: लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को मिला प्रमोशन, मालेगांव ब्लास्ट में बरी होने के बाद अब ये पद मिला

Exit mobile version