India responds to attacks on minorities in Bangladesh: बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार थमने का नाम नहीं रहा है. पिछले हफ्ते में भीड़ ने हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की बेरहमी से हत्या कर थी. वहीं गुरुवार को भी एक हिंदू युवक अमृत कुमार ऊर्फ सम्राट की हत्या कर दी गई. बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते हमलों के बाद भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतों द्वारा हिंदुओं पर हमले अस्वीकार्य हैं. हम उम्मीद करते हैं कि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा. जायसवाल ने दीपू चंद्र दास की मॉब लिंचिंग की कड़ी भर्त्सना की. साथ ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर निशाना साधा और कहा कि बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के कार्यकाल में वहां पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की 2900 घटनाएं हुईं.
भारत निष्पक्ष चुनावों के पक्ष में – MEA
17 सालों के बाद तारिक रहमान की बांग्लादेश वापसी पर रणधीर जायसवाल ने कहा, “भारत बांग्लादेश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनावों का समर्थन करता है और इस घटनाक्रम को उसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए. हम बांग्लादेश में शांति और स्थिरता चाहते हैं. हम इसलिए ही वहां निष्पक्ष और समावेशी चुनाव चाहते हैं. “
#WATCH | Delhi | On Bangladesh, MEA Spox Randhir Jaiswal says," The unremitting hostility against minorities in Bangladesh is a matter of great concern. We condemn the recent killing of a Hindu youth in Bangladesh and expect that the perpetrators of the crime will be brought to… pic.twitter.com/UbacgqSskh
— ANI (@ANI) December 26, 2025
तारिक रहमान की 17 सालों बाद वापसी
बता दें कि बांग्लादेश में अवामी लीग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. इसका मतलब है कि शेख हसीना की पार्टी अब फरवरी में होने वाले चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएगी. ऐसी स्थिति में खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी के सत्ता में लौटने की उम्मीदें ज्यादा बढ़ गई हैं. खालिदा के बेटे तारिक रहमान 17 सालों के निर्वासन के बाद गुरुवार को बांग्लादेश लौटे तो सड़कों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा. तारिक रहमान ने करीब डेढ़ दशक से ज्यादा के वक्त के बाद अपने देश लौटने पर खुशी जताई और साथ ही साथ उन्होंने कहा कि वे एक ऐसा बांग्लादेश बनाना चाहते हैं जहां सभी धर्मों के लोगों के लिए जगह हो.
भारत में हो रहा जमकर विरोध
बांग्लादेश में उस्मान हादी की मौत के बाद हिंसा भड़क उठी है. कट्टरपंथी तत्वों ने अल्पसंख्यकों खासकर, हिंदुओं पर अत्याचार करने शुरू कर दिए हैं. कुछ दिनों पहले, हिंदू युवक दीपू चंद्र दास पर ईशनिंदा का झूठा आरोप लगाकर कट्टरपंथी भीड़ ने उसे बुरी तरह पीटा और फिर पेड़ से लटकाकर आग लगा दी थी. दीपू की बेरहमी से हत्या किए जाने का भारत में हिंदू संगठनों ने जमकर विरोध किया है. दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के सामने भी हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
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यूनुस पर भड़का अमेरिका
वहीं बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर भारत ही नहीं अमेरिका ने भी चिंता जताई है. अमेरिका के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स की विदेश मामलों की समिति ने मोहम्मद यूनुस को पत्र लिखा है और मानवाधिकार उल्लंघन की घटनाओं पर नाराजगी जाहिर की है. इसमें कहा गया है कि अंतरिम सरकार को विभिन्न पार्टियों के साथ मिलकर निष्पक्ष और शांतिपूर्वक चुनाव के लिए माहौल तैयार करना चाहिए. लेकिन आशंका है कि ऐसा नहीं हो सकता है क्योंकि अंतरिम सरकार ने एक राजनीतिक दल की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है और त्रुटिपूर्ण इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल को फिर से शुरू कर दिया है.
