Anil Ambani: रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी (Anil Ambani) के घर पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने छापेमारी की है. यह कार्रवाई 17,000 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड के मामले में की गई, जिसमें रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) पर लोन डिफॉल्ट का आरोप है. CBI ने अनिल अंबानी और अन्य अधिकारियों के खिलाफ जांच तेज कर दी है, जो वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी है.
CBI के अधिकारीयों सुबह करीब 7 बजे कफ परेड के सीविंड स्थित अंबानी के आवास पर पहुंचे. सूत्रों के मुताबिक, सात से आठ अधिकारी परिसर में पहुंचे हुए हैं और तब से तलाशी ले रहे हैं.
ED के बाद अब CBI की रेड
तलाशी लेने के दौरान अंबानी और उनके परिवार के सदस्य आवास पर मौजूद रहे. CBI की यह कार्रवाई कथित लोन फ्रॉड मामले की जांच के एक हिस्से के रूप में सामने आई है, जिसमें एजेंसी रिलायंस एडीए समूह से जुड़ी कंपनियों में अपनी जांच का विस्तार कर रही है.
बता दें कि इससे पहले 4 अगस्त को ED ने अनिल अंबानी की कंपनियों से जुड़े कथित 17,000 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले में कार्रवाई की थी. अनिल अंबानी को तलब करने के कुछ दिनों बाद एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत पूछताछ के लिए उनके कई शीर्ष अधिकारियों को समन जारी किया.
किस बात का पता लगा रहे जांच अधिकारी?
जांच अधिकारी यस बैंक से अनिल अंबानी की कंपनियों को मिले भारी-भरकम लोन की जांच कर रहे हैं और यह भी देख रहे हैं कि लोन की रकम को ग्रुप की दूसरी कंपनियों या शेल कंपनियों में ट्रांसफर किया गया था कि नहीं.
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संकट में क्यों हैं अनिल अंबानी…
अनिल अंबानी, जो कभी भारत के सबसे अमीर उद्योगपतियों में शुमार थे, अब कर्ज के बोझ तले दबे हैं. रिलायंस कम्युनिकेशंस ने 2020 में कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (CIRP) के तहत दिवालिया प्रक्रिया पूरी की, लेकिन बकाया कर्ज अभी भी बरकरार है. पिछले वर्षों में टेलीकॉम सेक्टर में Jio के आने से उनकी कंपनी को भारी नुकसान हुआ. CBI की इस कार्रवाई से उनके बिजनेस ग्रुप पर और दबाव बढ़ सकता है. अनिल अंबानी ने पहले ही कई एसेट्स बेच चुके हैं, लेकिन फ्रॉड के आरोप उन्हें कानूनी मुश्किलों में डाल सकते हैं.
