PMO Office: भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का पता 78 साल बाद बदलने जा रहा है. ऐतिहासिक साउथ ब्लॉक से प्रधानमंत्री कार्यालय अब कर्तव्य भवन-3 में शिफ्ट होने जा रहा है, जो सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है. यह नया भवन नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर स्थित है और इसे आधुनिक तकनीकों और पर्यावरण के अनुकूल डिजाइन के साथ बनाया गया है. इस बदलाव का उद्देश्य सरकारी कामकाज को और अधिक डिजिटल, स्मार्ट, और प्रभावी बनाना है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नए PMO को नया नाम भी दिया जा सकता है, जो ‘सेवा’ की भावना को दर्शा सकता है. पीएम ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले संबोधन में कहा था, ‘PMO जनता का होना चाहिए, यह मोदी का PMO नहीं है.’
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा
कर्तव्य भवन-3, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत निर्मित पहला प्रमुख कॉमन सेंट्रल सचिवालय भवन है. यह भवन लगभग 1.5 लाख वर्ग मीटर में फैला है, जिसमें दो बेसमेंट, एक ग्राउंड फ्लोर, और छह ऊपरी मंजिलें हैं. इसमें 850 कार्यालय कक्ष और 600 वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा है. भवन में 700 सीसीटीवी कैमरे, सौर पैनल, वर्षा जल संचयन, और पुनर्नवीनीकरण सामग्री का उपयोग किया गया है, जो इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाता है. यह भवन मंत्रालयों के बीच बेहतर समन्वय और कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
ये मंत्रालय भी होंगे शिफ्ट
कर्तव्य भवन-3 में न केवल प्रधानमंत्री कार्यालय, बल्कि गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, MSME, DoPT (कार्मिक मंत्रालय), पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय भी स्थानांतरित होगा. गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर अब यहीं से अपने मंत्रालयों का संचालन करेंगे. यह कदम विभिन्न मंत्रालयों को एक ही छत के नीचे लाकर प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण है.
साउथ ब्लॉक से शिफ्टिंग
साउथ ब्लॉक, जो 1910 के दशक में बनाया गया था, लंबे समय से भारत सरकार के महत्वपूर्ण मंत्रालयों का केंद्र रहा है. यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री कार्यालय को साउथ ब्लॉक से स्थानांतरित किया जा रहा है. नया पता, कर्तव्य भवन-3, साउथ ब्लॉक से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर है. इस शिफ्टिंग की प्रक्रिया तेजी से चल रही है और जल्द ही पूरी होने की उम्मीद है.
डिजिटल और स्मार्ट की ओर कदम
कर्तव्य भवन-3 में उच्च स्तरीय सुरक्षा, आधुनिक डिजिटल तकनीक, और पर्यावरण के अनुकूल सुविधाएं उपलब्ध हैं. यह भवन सरकार की टडिजिटल इंडियाट पहल का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य प्रशासनिक कामकाज को ग्रीन और पेपरलेस बनाना है. एकीकृत कमांड और कंट्रोल सेंटर पूरे सेंट्रल विस्टा क्षेत्र की निगरानी करता है, जिससे मंत्रालयों के बीच तालमेल और निर्णय प्रक्रिया में तेजी आएगी.
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प्रधानमंत्री आवास का भी होगा नया पता
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत, प्रधानमंत्री आवास भी जल्द ही लोक कल्याण मार्ग से कर्तव्य पथ के पास एक नए परिसर में शिफ्ट होगा. यह नया आवास लगभग 15 एकड़ में बनाया जाएगा. इस बदलाव से प्रधानमंत्री का कार्यालय और आवास दोनों एक ही क्षेत्र में होंगे, जिससे सुरक्षा और समन्वय में सुधार होगा.
