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Chhath Puja UNESCO Update: अब छठ महापर्व बनेगा ग्लोबल फेस्टिवल! UNESCO की सूची में शामिल कराने के प्रयास तेज, बोले PM मोदी

PM Modi statement on Chhath Puja UNESCO cultural heritage list

छठ पूजा को UNESCO की सूची में शामिल कराने के प्रयास तेज

PM Modi on Chhath Puja: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 126वें एपिसोड का आज प्रसारण हुआ. इस कार्यक्रम में उन्होंने देशवासियों को संबोधित करते हुए स्वदेशी पर फोकस किया. साथ ही भारतीय संस्कृति, परंपराओं, स्वतंत्रता सेनानियों और नारी शक्ति के योगदान पर गहन चर्चा की. उन्होंने छठ पूजा के महत्व पर विशेष जोर देते हुए इसे भारत की जीवंत सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक बताया. वहीं, लोगों से त्योहारों पर स्वदेशी सामान खरीदने की बात भी कही.

अब छठ महापर्व बनेगा ग्लोबल फेस्टिवल!

इस दौरान PM मोदी ने कहा- ‘छठ पूजा एक ऐसा पावन पर्व है, जो दिवाली के बाद आता है. सूर्यदेव को समर्पित यह महापर्व बहुत ही विशेष है. इसमें हम डूबते सूर्य को भी अर्घ्य देते हैं, उनकी आराधना करते हैं. यह पर्व न केवल देश के विभिन्न हिस्सों में उत्साह से मनाया जाता है, बल्कि अब वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बना रहा है.’ इस दौरान PM मोदी ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की कि भारत सरकार छठ महापर्व को UNESCO की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल करने के लिए प्रयासरत है.

बेटियों की सराहना

PM नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यक्रम में नवरात्रि के पर्व पर बेटियों को भी संबोधित किया. उन्होंने कहा- ‘हम नारीशक्ति का उत्सव मनाते हैं. बिजनेस से लेकर स्पोर्ट्स तक और एजुकेशन से लेकर साइंस तक, देश की बेटियां हर जगह अपना परचम लहरा रही हैं.’ इस दौरान उन्होंने भारतीय नौसेना की दो बहादुर अधिकारी – लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा से बातचीत की, जिन्होंने ‘नाविक सागर परिक्रमा’ के दौरान साहस का परिचय दिया. PM मोदी ने कहा- ‘ये दो बहादुर अधिकारी नौसेना के गौरव हैं.’

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स्वदेशी रक फोकस

इस कार्यक्रम में PM मोदी का फोकस स्वदेशी पर रहा. उन्होंने कहा- ‘एक संकल्प लेकर आप अपने त्योहारों को और खास बना सकते हैं. अगर हम ठान लें कि इस बार त्योहार सिर्फ स्वदेशी चीजों से ही मनाएंगे, तो हमारे उत्सव की रौनक कई गुना बढ़ जाएगी. ‘वोकल फॉर लोकल’ को खरीदारी का मंत्र बना दीजिए. ठान लीजिए, हमेशा के लिए, जो देश में तैयार हुआ है, वही खरीदेंगे. जिसे देश के लोगों ने बनाया है, वही घर ले जाएंगे. जिसे देश के लोगों ने बनाया है, वही घर ले जाएंगे. जिसमें देश के किसी नागरिक की मेहनत है, उसी सामान का उपयोग करेंगे.’

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