Chirag Paswan: बिहार चुनाव (Bihar Assembly Elections) को लेकर अभी से ही गहमा-गहमी देखने को मिल रही है. इस गहमा-गहमी को राजद और जेडीयू के बीच पोस्टर वार ने और भी बढ़ा दिया है. जदयू एक तरफ जहां नीतीश कुमार के नेतृत्व में सुशासन की बात कर रही है, वहीं राजद का आरोप है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार और अपराध की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिन्हें रोकने में नीतीश के नेतृत्व वाली सरकार नाकाम रही है. लेकिन, इस पोस्टर वार के बीच एक जंग दोनों खेमों में सीएम फेस को लेकर भी देखने को मिल रही है.
महागठबंधन में अभी तक ये तस्वीर साफ नहीं हो पाई है कि बिहार में चुनाव किसके चेहरे पर लड़ा जाएगा. राजद तेजस्वी यादव को महागठबंधन का नेता बता रही है लेकिन कांग्रेस पार्टी के भीतर से इसको लेकर ज्यादा उत्साह देखने को मिल नहीं रहा है. दूसरी तरफ, भाजपा के कई नेता यह कह चुके हैं कि बिहार चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा. हालांकि, लोजपा (रामविलास) ने जरूर एनडीए खेमे की टेंशन बढ़ा दी है. ऐसे में दोनों तरफ ही खींचतान देखने को मिल रही है. दरअसल, एनडीए खेमे में हलचल लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान के एक बयान के बाद बढ़ी है.
चिराग का बिहार पर फोकस
चिराग पासवान ने हाल ही में एक इंटरव्यू में जो कुछ कहा, उसके बाद बिहार का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. उनके बयान के बाद इस बाद की चर्चाएं होने लगी हैं कि क्या चिराग पासवान खुद चुनाव मैदान में उतरेंगे या सीएम पद की दावेदारी पेश करेंगे? इंटरव्यू के दौरान चिराग पासवान ने कहा कि उनकी प्राथमिकता बिहार है और ज्यादा समय केंद्र की बजाय बिहार पर फोकस करना चाहते हैं. अपने पिता की राजनीतिक यात्रा का हवाला देते हुए चिराग ने कहा कि वे ज्यादा समय तक केंद्र में नहीं रह सकते हैं, बिहार उनको बुला रहा है. ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ की बात करते हुए चिराग ने पूरे दमखम से विधानसभा चुनाव में उतरने के संकेत दे दिए हैं.
खुद को सीएम पद का दावेदार बताएंगे चिराग?
वहीं चिराग पासवान के इस बयान के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा है कि अगर चिराग पासवान चुनाव लड़ते हैं तो क्या वे खुद को सीएम पद का दावेदार भी बताएंगे? या कहीं 2020 की तरह ही एक बार फिर चिराग और नीतीश आमने-सामने तो नहीं हो जाएंगे?
बता दें कि नीतीश कुमार के खिलाफ 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग ने मोर्चा खोल दिया था. ‘भाजपा तुमसे बैर नहीं, नीतीश तुम्हारी खैर नही…’ वाली लाइन पर चलते हुए चिराग पासवान ने नीतीश की पार्टी को झटके तो बहुत दिए थे, ये अलग बात थी कि खुद उनकी पार्टी उस चुनाव में कोई खास कमाल नहीं कर पाई थी. अब देखना दिलचस्प होगा कि चिराग के पिटारे से एनडीए के लिए इस बार क्या निकलता है?
