Ramban Cloudburst: 30 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले के राजगढ़ तहसील में बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई. इस प्राकृतिक आपदा के कारण सात लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य लोग लापता बताए जा रहे हैं. बादल फटने से टेंगर और दादी नदियों में अचानक बाढ़ आ गई, जिसके परिणामस्वरूप कई घर मलबे में दब गए.
प्रभावित क्षेत्र और नुकसान
बादल फटने की यह घटना राजगढ़ तहसील के पंचायत कुमटे, धर्मन, और हल्ला में हुई. भारी बारिश और बाढ़ के कारण कई घर, दुकानें और अन्य संरचनाएं क्षतिग्रस्त हो गईं. जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) पर कई जगहों पर लैंडस्लाइड और मलबे के कारण यातायात पूरी तरह ठप हो गया. इस राजमार्ग पर दर्जनों वाहन फंस गए, जिनमें यात्री वाहन, ट्रक और तेल टैंकर शामिल हैं.
राहत और बचाव कार्य
घटना के बाद तुरंत बाद पुलिस, सेना, NDRF और SDRF ने तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया है. अब तक कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, और लापता लोगों की तलाश की जा रही है. सेना ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के लिए तीन राहत कॉलम तैनात किए हैं, जो नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
सरकार ने जताया दुःख
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घटना पर दुख व्यक्त किया है और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात कर केंद्र सरकार की ओर से पूर्ण समर्थन का वादा किया.
मौसम विभाग की चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जम्मू क्षेत्र के कई हिस्सों, जिसमें रामबन, कठुआ, डोडा, और किश्तवाड़ शामिल हैं, में भारी बारिश और बादल फटने की संभावना की चेतावनी जारी की है. लोगों को नदी-नालों और लैंडस्लाइड वाले संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी गई है.
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बता दें कि रामबन और जम्मू-कश्मीर के अन्य हिस्सों में हाल के दिनों में बादल फटने और लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ी हैं. इससे पहले अप्रैल महीने में भी रामबन में बादल फटने से तीन लोगों की मौत हुई थी और लगभग 40 घर क्षतिग्रस्त हो गए थे. किश्तवाड़ और कठुआ में भी हाल ही में बादल फटने की घटनाएं हुईं, जिनमें कई लोगों की जान गई.
