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उत्तरकाशी में बादलों की विनाश ‘लीला’, धराली त्रासदी में अब तक 4 लोगों की मौत, सेना के जवान समेत 100 से अधिक लापता

Uttarakhand Cloudburst

उत्तराखंड में बादल फटने से आई त्रासदी

Uttarakhand Cloudburst: उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने से मची भयानक तबाही ने पूरे उत्तराखंड को हिलाकर रख दिया है. मंगलवार दोपहर खीर गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में हुई इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सेना के जवानों समेत 100 से अधिक लोग लापता हैं. बाढ़ और लैंडस्लाइड ने धराली के बाजार, घर, होटल और प्रसिद्ध कल्प केदार मंदिर को मलबे में तब्दील कर दिया. सेना, NDRF और SDRF की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुईं हैं, लेकिन भारी बारिश और लैंडस्लाइड चुनौतियां बढ़ा रहे हैं.

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार, 5 अगस्त को दोपहर करीब 1:45 बजे बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई. खीर गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बादल फटने से अचानक बाढ़ और लैंडस्लाइड हुआ, जिसने धराली गांव और आसपास के क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया. इस प्राकृतिक आपदा में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 100 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं.

खीर गंगा नदी में पहाड़ों से बहकर आए मलबे ने केवल 34 सेकेंड में ये बर्बादी हुई. हर्षिल में सेना के 11 जवान बादल फटने के बाद से लापता हैं. धराली, गंगोत्री धाम से 20 किमी पहले स्थित एक प्रमुख पड़ाव है, जहां चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालु रुकते हैं.

तबाही का दायरा

बादल फटने से खीर गंगा नदी में मलबे और पानी का तेज बहाव आया, जिसने धराली के मुख्य बाजार, कई घर, होटल और होम स्टे को पूरी तरह नष्ट कर दिया. प्रसिद्ध कल्प केदार मंदिर भी मलबे में बह गया. हर्षिल के पास सेना का कैंप और हेलिपैड भी इस आपदा की चपेट में आए. स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों ने इसे 2013 के केदारनाथ जल प्रलय की याद दिलाने वाला बताया. अनुमान के मुताबिक, 40-50 घर और 20-25 होटल-होम स्टे बह गए हैं.

राहत और बचाव कार्य

घटना के तुरंत बाद भारतीय सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF), ITBP और स्थानीय प्रशासन ने युद्ध स्तर पर राहत-बचाव कार्य शुरू किए. सेना की 150 जवानों की टीम, खोजी कुत्तों, ड्रोन और अर्थमूविंग उपकरणों के साथ मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटी है. अब तक 150 से अधिक नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया है. उत्तरकाशी की पुलिस अधीक्षक सरिता डोभाल ने बताया कि कुछ टीमें रास्ते में लैंडस्लाइड के कारण फंसी हुई हैं, लेकिन बचाव अभियान जारी है. जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर (01374-222126, 222722, 9456556431) जारी किए हैं.

पीएम मोदी ने की सीएम धामी से बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर स्थिति की जानकारी ली और हर संभव मदद का आश्वासन दिया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ITBP की तीन टीमें और NDRF की चार टीमें घटनास्थल पर भेजने की पुष्टि की. मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून के आपदा कंट्रोल रूम से स्थिति पर नजर रखी और राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए.

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मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि भूमध्य सागर से उठने वाले पश्चिमी विक्षोभ का हिमालय से टकराना इस आपदा का मुख्य कारण रहा. जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून और पश्चिमी विक्षोभ का पैटर्न बदल रहा है, जिससे ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं. मौसम विभाग ने घटना से पहले कोई विशेष चेतावनी जारी नहीं की थी, जिसके कारण स्थानीय लोग और प्रशासन तैयार नहीं थे.

मौसम विभाग का अलर्ट

मौसम विभाग ने बुधवार, 6 अगस्त को उत्तराखंड के सात जिलों (नैनीताल, चंपावत, उधम सिंह नगर, बागेश्वर, पौड़ी, टिहरी, हरिद्वार) में भारी बारिश का ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है. हरिद्वार में लगातार बारिश से रेल सेवाएं प्रभावित हुई हैं और जलस्तर बढ़ने की आशंका जताई गई है.

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