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धोनी और दीपिका ने लगाया भर-भर के पैसा, अब डूबने वाली है ये कंपनी!

Deepika padukone, Ms dhoni

महेंद्र सिंह धोनी और दीपिका पादुकोण

BluSmart Fraud: कभी आसमान छूने का सपना देखने वाली इलेक्ट्रिक कैब कंपनी ब्लूस्मार्ट अब जमीन पर आ गिरी है. दिल्ली-NCR, मुंबई और कई शहरों में अपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियों से धूम मचाने वाली इस कंपनी पर अब बंद होने का खतरा मंडरा रहा है. वजह? इसके को-फाउंडर भाइयों, अनमोल सिंह जग्गी और पुनित सिंह जग्गी पर लगे 262 करोड़ रुपये की हेराफेरी के गंभीर आरोप. सेबी (SEBI) की जांच ने इनके कारनामों की पोल खोल दी है, और अब कंपनी के बड़े-बड़े निवेशकों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं.

क्या है पूरा मामला?

ब्लूस्मार्ट के इन दोनों भाइयों ने अपनी दूसरी कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग के नाम पर लिया गया लोन कथित तौर पर गलत जगह खर्च किया. फ्लैट, गोल्फ किट्स, लग्जरी ट्रैवेल जैसी चीजों पर उड़ाए गए 262 करोड़ रुपये से ज्यादा का कोई हिसाब नहीं मिला. सेबी ने सख्ती दिखाते हुए इन भाइयों को किसी भी कंपनी के मैनेजमेंट से हटा दिया और मार्केट में एंट्री पर भी रोक लगा दी. नतीजा? ब्लूस्मार्ट की गाड़ियां अब सड़कों पर नहीं, बल्कि गैरेज में खड़ी हैं. कंपनी ने दिल्ली-NCR, मुंबई समेत कई जगहों पर अपनी सर्विस अस्थायी तौर पर बंद कर दी है.

बड़े-बड़े सितारों का लगा है पैसा!

ब्लूस्मार्ट का ‘ग्रीन’ बिजनेस मॉडल और इलेक्ट्रिक गाड़ियों का आइडिया इतना शानदार था कि इसमें देश-दुनिया के बड़े नामों ने पैसा लगाया. क्रिकेट के ‘कैप्टन कूल’ महेंद्र सिंह धोनी ने अपने फैमिली ऑफिस के जरिए 2024 में 200 करोड़ रुपये के फंडिंग राउंड में पैसा लगाया था. वहीं बॉलीवुड की सुपरस्टार दीपिका पादुकोण ने 2019 में अपने फैमिली ऑफिस से 3 मिलियन डॉलर की फंडिंग में हिस्सा लिया.

‘शार्क टैंक इंडिया’ के पूर्व जज अशनीर ग्रोवर ने 1.5 करोड़ रुपये अपने और 25 लाख रुपये मैट्रिक्स के जरिए लगाए. अशनीर ने X पर लिखा, “मैं भी इस संकट का शिकार हूं… उम्मीद है कंपनी उबर जाएगी.” इसके अलावा बजाज कैपिटल, बीपी वेंचर्स (14.3% हिस्सेदारी), और स्विस इनवेस्टर रिस्पॉन्सएबिलिटी जैसे बड़े नाम भी निवेशकों की लिस्ट में हैं.

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कैसे पहुंची इस हाल में कंपनी?

2019 में शुरू हुई ब्लूस्मार्ट ने अपने इलेक्ट्रिक फ्लीट और पर्यावरण के अनुकूल मॉडल से सबका दिल जीता था. 25 मिलियन डॉलर की सीरीज A फंडिंग को कंपनी ने ग्लोबल मोबिलिटी सेक्टर में सबसे बड़ा निवेश बताया था. लेकिन अब सेबी की जांच ने सारी चमक फीकी कर दी. जग्गी भाइयों की जेनसोल और ब्लूस्मार्ट की सब्सिडियरी कंपनियों के बीच 148 करोड़ रुपये से ज्यादा का लेन-देन भी जांच के घेरे में है.

निवेशकों का क्या होगा?

जग्गी भाइयों के पास ब्लूस्मार्ट की करीब 33% हिस्सेदारी है, लेकिन कंपनी का भविष्य अब अनिश्चित है. धोनी, दीपिका और अशनीर जैसे निवेशकों के बीच चिंता बढ़ रही है. कंपनी का ऑपरेशन ठप होने से उनके निवेश पर सवाल उठ रहे हैं. क्या ब्लूस्मार्ट इस संकट से उबर पाएगी? या ये ‘इलेक्ट्रिक’ सपना हमेशा के लिए टूट जाएगा?

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