Delhi Car Blast: दिल्ली में 10 नवंबर को लाल किले की पार्किंग के पास हुए कार बम धमाके ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को हिलाकर रख दिया है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, आतंक की नई और खतरनाक परतें खुल रही हैं. इस साजिश के कथित मास्टरमाइंड डॉक्टर मुजम्मिल की गिरफ्तारी के बाद एक बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. दरअसल, हरियाणा की अल फलाह यूनिवर्सिटी से 15 डॉक्टर अचानक गायब हो गए हैं.
डॉक्टर मुजम्मिल का जाल
पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार आतंकी मुजम्मिल की कॉल डिटेल्स से पता चला कि वह इन 15 डॉक्टरों के लगातार संपर्क में था. शक है कि ये डॉक्टर सिर्फ आतंकी गतिविधियों के गवाह नहीं, बल्कि साजिश का हिस्सा भी थे.
जब पुलिस टीम पूछताछ के लिए यूनिवर्सिटी पहुंची, तो वहां सन्नाटा पसरा था. डॉक्टरों के कमरे खाली थे, लैपटॉप-दस्तावेज गायब थे और सबके फोन बंद थे. पुलिस इसे रातों-रात भागने की सुनियोजित योजना मान रही है. सवाल यह है कि मरीजों की जान बचाने वाले ये डॉक्टर, मौत बांटने की साजिश का हिस्सा कैसे बन गए?
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कार में कैसे बना बम?
धमाके वाली सफेद Hyundai i20 कार अब जांच का केंद्र है. पुलिस को संदेह है कि बम पार्किंग में खड़ी कार के अंदर ही तैयार किया गया था. सबसे बड़ा रहस्य यह है कि न तो टाइमर मिला, न डेटोनेटर, फिर धमाका कैसे हुआ?
जांच एजेंसियों की थ्योरी बताती है कि विस्फोट में अमोनियम नाइट्रेट (ANFO) और केमिकल ऑयल का मिश्रण इस्तेमाल हुआ. अगर इस मिश्रण को बंद कार जैसी छोटी जगह पर रखा जाए, तो तापमान बढ़ने के साथ दबाव (Pressure) बढ़ता जाता है. पुलिस का मानना है कि आतंकी उमर नबी ने केमिकल कार में डाला और दरवाज़ा बंद कर दिया. सिर्फ 3 घंटे में बढ़े दबाव ने बम को ट्रिगर कर दिया. यानी यह धमाका किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से नहीं, बल्कि प्रेशर कुकर जैसे सिद्धांत पर हुआ.
प्यादा या सुसाइड बॉम्बर था डॉक्टर उमर?
धमाके में मारे गए शख्स की पहचान पुलवामा के डॉक्टर उमर नबी के रूप में हुई है. CCTV फुटेज से पता चलता है कि जैसे ही वह कार लेकर सिग्नल से आगे बढ़ा, धमाका हो गया. अब पुलिस के सामने सवाल है कि क्या मुजम्मिल ने उमर को धोखे से इस्तेमाल किया था, या उमर जानबूझकर सुसाइड बॉम्बर बना था?
आतंक का अड्डा बना शिक्षा का मंदिर
मुजम्मिल के ठिकाने से भारी मात्रा में विस्फोटक (2,900 किलो अमोनियम नाइट्रेट), AK-47 और टाइमर डिवाइस मिले हैं, जो देश के लिए कई बड़े हमलों की तैयारी का संकेत देते हैं. NIA ने अब यह केस अपने हाथ में ले लिया है. देशभर में छापेमारी जारी है और इन 15 ‘लापता’ डॉक्टरों की तलाश में रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की तैयारी है, ताकि उन्हें किसी और हमले को अंजाम देने से रोका जा सके.
इस बीच, जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में शुक्रवार रात करीब 11:20 बजे एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया. फरीदाबाद से जब्त किए गए 2,900 किलो अमोनियम नाइट्रेट जैसे खतरनाक विस्फोटकों के सैंपल लेने और जांच के दौरान अचानक जोरदार धमाका हो गया, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई है, इसमें ज्यादातर पुलिसकर्मी, फॉरेंसिक विशेषज्ञ और दो अधिकारी थे.
27 से ज्यादा लोग घायल हो गए, जिनमें कई की हालत नाजुक बनी हुई है. CCTV फुटेज में साफ दिख रहा है कि स्टोरेज रूम में पहले आग की लपटें भड़कीं, फिर पूरा भवन हिल गया, आसपास की 12 गाड़ियां जलकर राख हो गईं और मलबा 300 फीट दूर तक बिखर गया. हैरत की बात यह है कि इसी थाने में दिल्ली धमाके से जुड़ी केस पर कार्रवाई हो रही थी.
