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Delhi Floods: दिल्ली में बाढ़ का कहर, अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही यमुना, सड़कें-बस्तियां जलमग्न

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दिल्ली में बाढ़

Delhi Floods: दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर लगातार खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है, जिसके कारण राष्ट्रीय राजधानी के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. भारी बारिश और हथिनीकुंड बैराज से पानी की भारी मात्रा में निकासी के चलते यमुना ने 207 मीटर का स्तर पार कर लिया है, जो पिछले 63 वर्षों में तीसरा सबसे ऊंचा स्तर है. हजारों लोग बेघर हो गए हैं, घरों और दुकानों में पानी घुस गया है, और सड़कों पर यातायात ठप हो गया है. प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है.

यमुना डेंजर लेवल से ऊपर

यमुना नदी का जलस्तर 4 सितंबर की सुबह 7 बजे दिल्ली के पुराने रेलवे ब्रिज (लोहा पुल) पर 207.48 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान (205.33 मीटर) और निकासी स्तर (206 मीटर) से काफी ऊपर है. यह 1978 और 2023 के बाद तीसरा सबसे ऊंचा स्तर है, जब नदी ने क्रमशः 207.49 और 208.66 मीटर का स्तर छुआ था.

हालांकि, दिल्ली में यमुना का जलस्तर घटकर 205.59 मीटर पर पहुंचा है. जो अभी भी डेंजर लेवल से ऊपर है. हकेंद्रीय जल आयोग (CWC) के मुताबिक, जलस्तर स्थिर होने के बावजूद अगले कुछ दिनों तक खतरे के निशान से ऊपर रहने की संभावना है.

हथिनी कुंड बैराज से 51,857 क्यूसेक, वजीराबाद बैराज से 73,280 क्यूसेक और ओखला बैराज से 1,48,868 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. पानी के डिस्चार्ज में कमी और जल स्तर में गिरावट से बाढ़ का खतरा कुछ कम हुआ है, लेकिन संकट अभी पूरी तरह टला नहीं है.

प्रभावित क्षेत्र और विस्थापन

यमुना के उफान के कारण दिल्ली के कई निचले इलाकों जैसे मयूर विहार फेज-1, यमुना बाजार, कश्मीरी गेट, गीता कॉलोनी, सोनिया विहार, बेला रोड और सिविल लाइंस में पानी घुस गया है. निगमबोध घाट, दिल्ली का सबसे पुराना और व्यस्त श्मशान घाट, भी बाढ़ के पानी से प्रभावित हुआ है, जिसके कारण वहां अंतिम संस्कार के कार्य रुक गए हैं. लगभग 12,000 लोग विस्थापित हुए हैं, जिन्हें मयूर विहार, ITO और गीता कॉलोनी जैसे क्षेत्रों में राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है. हालांकि, कुछ राहत शिविर भी बाढ़ के पानी से प्रभावित हुए हैं.

राहत और बचाव कार्य

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने दिल्ली के कई क्षेत्रों में बचाव कार्य शुरू किए हैं. 4 सितंबर को NDRF ने 25 लोगों को बचाया और 1,171 लोगों व 29 पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. दक्षिण-पूर्व दिल्ली के मदनपुर खदर विश्वकर्मा कॉलोनी में NDRF की चार टीमें तैनात की गई हैं. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) और स्थानीय प्रशासन ने 58 नावें, 675 लाइफ जैकेट और 82 मोबाइल पंप तैनात किए हैं. दिल्ली के सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण मंत्री परवेश वर्मा ने दावा किया है कि स्थिति नियंत्रण में है और सरकार पूरी तरह तैयार है.

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यातायात पर प्रभाव

यमुना के बढ़े जलस्तर के कारण रिंग रोड, आउटर रिंग रोड़ और लोहा पुल जैसी प्रमुख सड़कें जलमग्न हो गई हैं, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है. यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क भी बंद कर दी गई है. सिविल लाइंस, कश्मीरी गेट और मजनू का टीला जैसे क्षेत्रों में भारी ट्रैफिक जाम देखा जा रहा है. निगमबोध घाट के पास अवरुद्ध सीवेज के कारण भी यातायात प्रभावित हुआ है.

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