RSS Meeting: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय प्रान्त प्रचारक बैठक 4-6 जुलाई 2025 को दिल्ली के झंडेवालान स्थित केशवकुंज कार्यालय में संपन्न हुई. इस महत्वपूर्ण बैठक में देश की सुरक्षा, मणिपुर की स्थिति और संगठन के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा हुई. हालांकि, इस बैठक के मंथन से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नामक अमृत सार्वजनिक नहीं हो सका. मीडिया जगत में जिन नामों को लेकर कौतुहल है, उसका निदान इस बैठक में नहीं हुआ. आरएसएस की तरफ से पहले ही साफ कर दिया गया था कि बैठक का मकसद राजनीतिक नहीं बल्कि संगठन के शताब्दी वर्ष की तैयारियों को लेकर है.
‘मणिपुर में हालात बेहतर हो रहे हैं’
RSS के तीन दिवसीय प्रांत प्रचारों की बैठक में ऑपरेशन सिंदूर, मणिपुर से लेकर भाषा और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के विस्तार पर गहन विचार-विमर्श हुआ है. अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मणिपुर में हालात बेहतर हो रहे हैं, लेकिन पूर्ण शांति के लिए अभी समय लगेगा. आज की तारीख में स्वयंसेवक मैतई और कुकी समुदायों के बीच संवाद स्थापित करके शांति और सद्भाव के लिए काम कर रहे हैं. बैठक में ऑपरेशन सिंदूर और सीमावर्ती क्षेत्रों के अनुभवों पर भी चर्चा हुई.
संघ ने समाज को मजबूत करने के लिए व्यापक योजना बनाई है. इस साल विजयादशमी से अगले साल तक शताब्दी वर्ष के तहत देशभर में 11,360 से अधिक सामाजिक सद्भाव बैठकों और एक लाख से ज्यादा हिंदू सम्मेलनों का आयोजन होगा. स्वयंसेवक 924 संगठनात्मक जिलों में घर-घर संपर्क कर राष्ट्र और हिंदुत्व के मुद्दों पर जागरूकता फैलाएंगे. साथ ही विजयादशमी पर स्वयंसेवक पारंपरिक ड्रेस कोड में लोगों से जुड़ेंगे.
‘भारत माता का चित्रण संघ की देन’
बैठक केरल में भारत माता की तस्वीर पर छिड़े विवाद और भाषा के नाम पर महाराष्ट्र में हो रही गुंडई पर भी संघ ने अपनी बात मीडिया में रखी. केरल में भारत माता की तस्वीर को लेकर हुए विवाद पर सुनील आंबेकर ने कहा कि भारत माता का चित्रण संघ की देन नहीं, बल्कि यह भारतीय परंपरा का हिस्सा है. उन्होंने कहा, ‘लोगों को इतिहास पढ़ना चाहिए. भारत माता का सम्मान हमारी संस्कृति में गहराई से समाया है.’ भाषा विवाद पर उन्होंने साफ किया कि संघ भारत की सभी भाषाओं को राष्ट्रीय भाषा मानता है और प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए.
