Delhi Earthquake: दिल्ली-NCR में आज सुबह-सुबह भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए. सुबह 9 बजकर 4 मिनट पर अचानक धरती डोलने लगी. करीब 10 सेकंड तक चले इन झटकों ने लोगों को घरों और दफ्तरों से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया. मौसम विभाग के अनुसार, भूकंप का केंद्र हरियाणा का झज्जर था और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 मापी गई है. दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद समेत पूरे दिल्ली-एनसीआर में इन झटकों को महसूस किया गया. गनीमत रही कि किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन लोगों में डर साफ देखा गया.
क्यों आते हैं भूकंप?
अब आप सोच रहे होंगे कि ये भूकंप आखिर आते क्यों हैं? दरअसल, हमारी धरती के अंदर सात बड़ी-बड़ी टेक्टोनिक प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, एक-दूसरे से रगड़ खाती हैं, या एक-दूसरे से दूर जाती हैं, तो धरती हिलने लगती है. इसी हलचल को हम भूकंप कहते हैं. भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल का इस्तेमाल किया जाता है, जो 1 से 9 तक होता है. जितनी ज़्यादा तीव्रता, उतना ही ज़्यादा खतरनाक भूकंप.
दिल्ली-NCR में भूकंप के झटके नई बात नहीं!
दिल्ली-NCR में भूकंप के झटके कोई नई बात नहीं हैं. दरअसल, ये इलाका सिस्मिक जोन IV में आता है, जिसका मतलब है कि यहां भूकंप आने की संभावना काफी ज़्यादा रहती है. पिछले कुछ सालों में दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में कई बार भूकंप के छोटे-मोटे झटके महसूस किए गए हैं. नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के आंकड़ों के मुताबिक, 1993 से 2025 के बीच दिल्ली-NCR में 446 से ज़्यादा भूकंप आए हैं. इनमें से ज़्यादातर हल्के रहे हैं, लेकिन कुछ की तीव्रता 4 या उससे ऊपर भी रही है.
उदाहरण के लिए, फरवरी 2025 में 4.0 तीव्रता का एक भूकंप आया था, जिसका केंद्र दिल्ली में ही था. वहीं, मई 2020 में भी 4.4 तीव्रता का एक भूकंप रोहतक के पास महसूस किया गया था, जिसके बाद कई आफ्टरशॉक्स भी आए थे. इन झटकों से आमतौर पर कोई बड़ा नुकसान नहीं होता, लेकिन ये हमें हमेशा याद दिलाते हैं कि दिल्ली-NCR भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र है और हमें इसके लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए.
