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Delhi Floods: 5 दिन बाद दिल्ली को मिली राहत, घटा यमुना का जलस्तर, बढ़ी हालात सामान्य होने की उम्मीद

Yamuna River

घट रहा है यमुना का जलस्तर

Delhi Floods: दिल्ली में पिछले पांच दिनों से यमुना नदी के बढ़े जलस्तर ने दिल्लीवासियों और प्रशासन की चिंता बढ़ा रखी थी. भारी बारिश और हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी, जिससे कई इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा था. लेकिन अब राहत की खबर है सामने आई है. यमुना का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है. केंद्रीय जल आयोग (CWC) के मुताबिक, जलस्तर में कमी का सिलसिला जारी है, और अगले कुछ दिनों में स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है.

घटा यमुना का जलस्तर

केंद्रीय जल आयोग के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रविवार, 7 सितंबर की रात दिल्ली के पुराने रेलवे पुल (लोहा पुल) पर यमुना का जलस्तर 205.33 मीटर दर्ज किया गया. यह खतरे के निशान (205.33 मीटर) से थोड़ा नीचे है, लेकिन निकासी स्तर (206 मीटर) से नीचे है। 5 सितंबर को जलस्तर अपने चरम पर 207.48 मीटर तक पहुंच गया था, लेकिन तब से इसमें लगातार कमी देखी जा रही है. रविवार शाम तक जलस्तर 205.42 मीटर था, जो सोमवार सुबह और कम हुआ.

पानी का प्रवाह नियंत्रित

यमुना के जलस्तर में वृद्धि का मुख्य कारण हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी था. 3 सितंबर को बैराज से 3,29,313 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसके बाद दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे. शनिवार तक बैराज से पानी का प्रवाह घटकर 48,413 क्यूसेक तक पहुंच गया. यदि बैराज से पानी का प्रवाह इसी तरह कम रहा और ऊपरी क्षेत्रों में भारी बारिश नहीं हुई, तो यमुना का जलस्तर जल्द ही खतरे के निशान से नीचे आ सकता है.

प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य

यमुना के बढ़े जलस्तर ने दिल्ली के निचले इलाकों जैसे यमुना बाजार, मयूर विहार, निगम बोध घाट और गीता कॉलोनी में बाढ़ जैसे हालात पैदा किए थे. कई गांवों में पानी घुसने से फसलों को भारी नुकसान हुआ. दिल्ली प्रशासन ने प्रभावित लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया है, जहां करीब 3,500 लोग ठहरे हुए हैं. NDRF और SDRF की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और मयूर विहार में अस्थायी टेंट लगाए गए हैं, जहां भोजन, पानी, और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं.

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इधर, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दिल्ली-NCR में अगले 48 घंटों में हल्की बारिश की संभावना जताई है, लेकिन इसका यमुना के जलस्तर पर बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना कम है. केंद्रीय जल आयोग का अनुमान है कि यदि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश नहीं हुई, तो यमुना का जलस्तर अगले दो-तीन दिनों में पूरी तरह नियंत्रण में आ सकता है.

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