Delhi Gang War: दिल्ली की रात एक बार फिर खून से लाल हुई है. उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में गैंगवार की आग ने 22 साल के युवक मिस्बाह की जिंदगी छीन ली. बदमाशों ने उसे घेरकर ताबड़तोड़ 20 से ज्यादा गोलियां दागीं, जिनमें से 15 उसके शरीर में धंस गईं. यह वारदात उस जगह हुई जहां से कुछ ही दूरी पर दिल्ली का कुख्यात गैंगस्टर छेनू का घर है. पुलिस को शक है कि पुरानी रंजिश ने यह खूनी खेल रचा.
रात 10:40 बजे का खौफनाक सीन
रात करीब साढ़े दस बजे सीलमपुर जामा मस्जिद के पास अचानक गोलियों की आवाजें गूंजीं. स्थानीय लोग दहशत में आ गए. जब पुलिस मौके पर पहुंची तो सड़क पर एक युवक खून से लथपथ पड़ा था. उसे तुरंत जेपीसी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मरने वाले की पहचान जाफराबाद निवासी मिस्बाह (22) के रूप में हुई. पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला कि मिस्बाह कोई आम आदमी नहीं था. वह उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हाशिम बाबा गैंग का सक्रिय सदस्य था. उसके ऊपर हत्या, हत्या की कोशिश, लूटपाट और अवैध हथियार रखने के कुल सात आपराधिक मामले दर्ज थे. सबसे हैरान करने वाली बात यह कि मिस्बाह इसी साल जुलाई में जेल से रिहा हुआ था. जेल से बाहर आते ही उसकी जिंदगी सिर्फ तीन महीने की मेहमान साबित हुई.
गैंगवार की आग में जलता दिल्ली का अंडरवर्ल्ड
दिल्ली पुलिस के सूत्र बता रहे हैं कि यह हत्या कोई रैंडम वारदात नहीं है. सीलमपुर और जाफराबाद इलाका लंबे समय से हाशिम बाबा गैंग और छेनू गैंग के बीच जंग का अखाड़ा बना हुआ है. दोनों गिरोह इलाके में दबदबा, ड्रग्स कारोबार और अवैध हथियारों की स्मगलिंग को लेकर आमने-सामने हैं. मिस्बाह की हत्या ठीक उसी जगह हुई जहां से छेनू गैंग का ठिकाना महज चंद कदमों की दूरी पर है. पुलिस को लगता है कि यह बदला लेने की कार्रवाई हो सकती है.
मिस्बाह के गैंग ने पिछले कुछ महीनों में छेनू के कई साथियों को निशाना बनाया था. अब छेनू गैंग ने जवाबी हमला बोल दिया. पुलिस ने मौके से 20 से ज्यादा खाली खोल बरामद किए हैं. फॉरेंसिक टीम ने फिंगरप्रिंट, डीएनए और बैलिस्टिक सबूत जुटाए हैं. सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं. फिलहाल मर्डर, आर्म्स एक्ट और आपराधिक साजिश की धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है. स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच की टीमें हमलावरों की तलाश में छापेमारी कर रही हैं.
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जेल से छूटा, मौत ने गले लगा लिया
मिस्बाह की जिंदगी अपराध की गलियों में ही कटी. महज 22 साल की उम्र में उसके नाम सात गंभीर केस. जुलाई में जमानत पर बाहर आने के बाद उसने फिर से गैंग की गतिविधियों में हिस्सा लिया. स्थानीय लोगों का कहना है कि वह अक्सर इलाके में हथियार लहराते दिखता था. उसकी मौत ने इलाके में दहशत तो पैदा की, लेकिन गैंगवार की आग को और भड़काने का काम भी किया है. पुलिस को डर है कि अब हाशिम बाबा गैंग जवाबी कार्रवाई करेगा. दोनों गिरोहों के बीच खूनी खेल जारी रह सकता है. दिल्ली पुलिस ने इलाके में अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी है. रात में गश्त बढ़ा दी गई है.
तमंचे की धौंस दिखाने वाला छात्र गिरफ्तार
इसी बीच दिल्ली पुलिस ने एक और कार्रवाई की. जनकपुरी के मोहन गार्डन इलाके में 20 साल का जैनेश नाम का लड़का अवैध तमंचा लहराते हुए वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल रहा था. पुलिस ने वीडियो का संज्ञान लिया और उसे धर दबोचा. जैनेश 11वीं क्लास का छात्र है. उसके पिता मेडिकल स्टोर चलाते हैं और मां प्राइवेट कंपनी में बिलिंग मैनेजर हैं. पूछताछ में जैनेश ने कबूला कि उसने तमंचा अपने दोस्त रितिक से खरीदा था. रितिक का कनेक्शन स्थानीय अपराधियों से है. जैनेश ने बताया कि वह दोस्तों के बीच कूल दिखने के लिए हथियार रखता था. पुलिस ने उसके पास से एक देशी कट्टा और एक जिंदा कारतूस बरामद किया. अब रितिक की तलाश जारी है. पुलिस का मानना है कि यह छोटी-मोटी हरकतें बड़े गैंगवार को जन्म दे सकती हैं.
दिल्ली में बढ़ता गैंगवार का ग्राफ
पिछले एक साल में दिल्ली में गैंगवार से जुड़ी 12 से ज्यादा बड़ी वारदातें हो चुकी हैं. जेल से छूटते ही गैंगस्टर निशाना बन रहे हैं. पुलिस भले ही केस दर्ज कर ले, लेकिन अंडरवर्ल्ड की जंग रुकने का नाम नहीं ले रही. सीलमपुर, जाफराबाद, वेलकम, नंद नगरी जैसे इलाके गैंगस्टरों के अड्डे बने हुए हैं. स्थानीय लोग परेशान हैं. रात में निकलने से डर लगता है. बच्चे स्कूल जाते वक्त सहमे रहते हैं. पुलिस की सख्ती के बावजूद अवैध हथियारों की सप्लाई नहीं रुक रही.
