IndiGo crisis DGCA action: इंडिगो एयरलाइंस के संचालन से जुड़ी अनियमितताओं की प्रारंभिक जांच में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने बड़ी कार्रवाई की है. जांच में खामियां सामने आने के बाद DGCA ने इंडिगो की निगरानी कर रहे अपने चार फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टरों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया. ये सभी अधिकारी कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त थे और एयरलाइन की उड़ानों की सुरक्षा तथा संचालन संबंधी निरीक्षण की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. माना जा रहा है कि समय रहते सही निगरानी न होने और निरीक्षण में लापरवाही के चलते DGCA को यह कठोर कदम उठाना पड़ा.
दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार से पूछे सवाल
उधर, हवाई अड्डों पर अव्यवस्था और उड़ानों में बाधा को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और DGCA से कड़े सवाल पूछे. अदालत ने जानना चाहा कि हालात अचानक इतने बिगड़े कैसे और यात्रियों की परेशानी कम करने के लिए तत्काल क्या उपाय किए गए. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह मामला केवल यात्रियों की दिक्कतों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें आर्थिक नुकसान और सिस्टम की नाकामी भी शामिल है. साथ ही कोर्ट ने यह पूछताछ भी की कि फंसे यात्रियों को राहत देने तथा एयरलाइन स्टाफ की जवाबदेही तय करने के लिए क्या कदम उठाए गए.
एयर किराया बढ़ने पर हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी
इसके अलावा, एयर किराए में अचानक हुई तेज़ बढ़ोतरी पर भी हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई. अदालत ने कहा कि जो टिकट पहले लगभग ₹5,000 में उपलब्ध थे, वे बढ़कर 30,000 रुपये से 35,000 रुपये कैसे पहुंच गए और संकट के समय दूसरी एयरलाइंस को इतना अधिक लाभ कमाने की अनुमति कैसे दी गई. इस पर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने बताया कि पूरा नियामकीय ढांचा लागू है और केंद्र लंबे समय से FDTL को लागू करने का प्रयास कर रहा था, लेकिन एयरलाइंस ने जुलाई और नवंबर चरण के लिए राहत मांगी थी. उन्होंने कहा कि पहली बार मंत्रालय ने हस्तक्षेप करते हुए किराए की सीमा निर्धारित की, जो एक कड़ा नियामकीय कदम माना जा रहा है.
ये भी पढे़ं- इंडिगो का बड़ा ऐलान, इन यात्रियों को मिलेगा 10000 रुपए का मुआवजा और वाउचर्स
